कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब सरकार तीसरी लहर से निपटने की तैयार कर रही है। जिसको लेकर उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है।
इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी
माडर्ना वैक्सीन को लेकर पिछले कई समय से अमेरिकी दवा कंपनी से बातचीत चल रही थी। जिसको लेकर अब सरकार को इसकी मंजूरी मिल गई है। सरकार द्वारा यह प्रयास किए जा रहें हैं कि जल्द से जल्द वैक्सीन को देश में लाया जाए। ताकि ज्सादा से ज्यादा से लोगों का टीकाकरण हो सके। पिछले महीने ही देश में माडर्ना की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई थी।
वैक्सीन के आयात पर चल रहा है काम
नीति आयोग के सदस्य अमेरिकी दवा कंपनी डा. वीके पाल ने कहा कि माडर्ना वैक्सीन इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए है। सरकार कंपनी के साथ सक्रिय रूप से बात कर रही है कि कैसे इसे जल्द से जल्द देश में उपलब्ध कराया जाए। वैक्सीन के आयात को लेकर भी काम चल रहा है।
12-18 साल के बच्चों पर किया गया परीक्षण
कंपनी ने इस वैक्सीन का 12 से 18 साल के बच्चों पर भी परीक्षण किया है। आंकड़ों के मूल्यांकन में अगर आंकड़े सही पाए जाते हैं तो बच्चों का भी इस वैक्सीन से टीकाकरण शुरू किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए इस प्रक्रिया के पूरी होने और डीसीजीआइ द्वारा वैज्ञानिक आधार पर फैसला लिए जाने का इंतजार करना होगा।आपको बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 जुलाई तक देश के कुछ अस्पतालों में मॉडर्ना वैक्सीन पहुंच सकती है।
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मॉडर्ना वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा पिछले महीने ही देश में आपातकालीन उपयोग के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। मॉडर्ना की वैक्सीन आने के बाद भारत में उपयोग के लिए कोरोना की चार वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी। इससे पहले देश में दो स्वदेशी कोरोना वैक्सीन- कोविशील्ड, कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन को प्रयोग में लाया जा रहा है।