पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सज़ा पाए बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा निर्देश जारी किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशित किया है कि वे स्वयं बलवंत सिंह राजोआना की दया याचिका को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के समक्ष विचारार्थ करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय तब लिया जब इस मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अदालत में कोई पेश नहीं हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति से दो सप्ताह के भीतर याचिका पर विचार करने का अनुरोध किया है। इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से राजोआना की दया याचिका पर कार्रवाई करने को कहा था, जो 29 साल से जेल में है। अदालत ने कहा कि सरकार को दया याचिकाओं पर विचार करते समय करुणा दिखानी चाहिए, इससे पहले केंद्र को राजोआना की दया याचिका पर तुरंत निर्णय लेने का निर्देश दिया था।
बलवंत सिंह को 2007 में सुनाई गई थी मौत की सजा
राजोआना को 2007 में एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सज़ा सुनाई थी, लेकिन अन्य दोषियों के विपरीत, उसने अपनी सज़ा को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देने का फैसला किया। एक संगठन द्वारा दायर उसकी मौत की सज़ा को आजीवन कारावास में बदलने की याचिका पर लगभग 12 साल से फ़ैसला आने का इंतज़ार है।
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27 सितंबर, 2019 को गृह मंत्रालय ने पंजाब के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर गुरु नानक की 550वीं जयंती मनाने के लिए कुछ कैदियों को विशेष छूट और रिहा करने का सुझाव दिया, जिसमें राजोआना का नाम भी शामिल था। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट में उसके सह-आरोपी की अपील लंबित होने के कारण उसका नाम आगे नहीं भेजा गया।