गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण जिले में बाढ़ की स्थिति बन गई है। खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन की पहल पर एनडीआरएफ की टीम पहुंच गयी है। टीम में तैनात सभी जवानों को कोविड के कारण विशेष रिहर्सल की और बाढ़ से ग्रामीण व गांव की स्थिति पर रणनीति तैयार कर ली है।
गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चले जाने के कारण सदर तहसील और बैरिया के कई गांवों की स्थिति संवेदनशील बनी हुई हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को जिले में तैनात किया गया है। टीम अत्याधुनिक बाढ़ बचाव उपकरण, कटिंग टूल्स, संचार उपकरण, मेडिकल फर्स्ट रिस्पांडर किट, डिप डाइविंग सेट, इनफ्लैटेबल लाइटिंग टावर आदि से लैस हैं।
क्षेत्रीय प्रत्युत्तर केंद्र गोरखपुर के डिप्टी कमांडेंट पीएल शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन की मांग पर गोरखपुर से एक टीम को बलिया के लिए रवाना कर दिया गया है। टीम कमांडर डीपी चंद्रा ने जिले के संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। बाढ़ से पहले एनडीआरएफ की टीम संबंधित कार्यक्षेत्र वाले जिलों में कम्युनिटी अवेयरनेस एवं कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम करती है। इसमें आम जनता व आपदा में कार्य करने वाले कर्मियों को बाढ़ से पहले की तैयारी, बाढ़ बचाव की जानकारी, अस्पताल पूर्व चिकित्सा व रेस्क्यू करने का तरीका तथा अन्य सुरक्षात्मक कार्यों के बारे में जानकारी हो तथा बाढ़ आने पर जान व माल की जोखिम को कम किया जा सके, इसको लेकर रणनीति बनाई।
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जलस्तर बढ़ा तो कटान रोकने के प्रयास तेज
गंगा का जलस्तर बढ़ने से बैरिया तहसील के तटवर्तीय क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रभावित क्षेत्रों मे कटान भी बदस्तूर जारी है। डेंजर जोन में कार्यदायी संस्था बाढ़ खण्ड फ्लड फाइटिंग के तहत बालू भरी बोरी डाल रहा है। गंगापुर और डगरा से लेकर उदयीछपरा के बीच करीब तीन किमी लम्बाई के साथ ही बचाव की बागडोर सम्भाले कार्यदायी संस्था बाढ़ खण्ड के अधिकारी कटान स्थलों पर मिट्टी व ईंट के टुकड़ों के सहारे कटान को रोकने के इंतजाम में जुटे हैं।