केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की विधानसभा सीटों के परिसीमन का काम अंतिम चरण में है। लिहाजा इसी साल यहां चुनाव होने की संभावना है। जम्मू कश्मीर में सियासी सरगर्मियां तेज हो गई है। एक तरफ जहां बीजेपी केंद्र शासित प्रदेश में अपनी सरकार और सीएम होने का दावा करती दिख रही है। वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के बीजेपी में शामिल होने का न्यौता मिलने से सियासी माहौल और अकटलों का दौर शुरू हो गया है। फारूक अब्दुल्ला को ये ऑफर जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना की तरफ से मिला है। जेएंडके के बीजेपी चीफ रविंद्र रैना ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को परोक्ष रूप से बीजेपी में शामिल होने का न्यौता दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि बीजेपी ही जम्मू कश्मीर में अपने मुख्यमंत्री के साथ सरकार बनाएगी।
बीजेपी में शामिल होने की दावत
डोडा जिले में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए रवींद्र रैना ने फारूक अब्दुल्ला का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘आप वहां ड्रम बजाकर कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। अगर आप चाहे तो यहां आइए।’’ रैना ने यह भी दोहराया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के परिवार के कई सदस्य पहले ही भाजपा में शामिल हो गए हैं तथा भाजपा में शामिल होने के लिए और लोग कतार में हैं। बता दें कि आजाद के भतीजे मुबाशिर हाल में भाजपा में शामिल हुए।
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2014 में भाजपा के साथ गठबंधन को तैयार थे अब्दुल्ला
गौरतलब है कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पूर्व विधायक और भाजपा सदस्य देवेंद्र सिंह राणा ने दावा किया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला 2014 में प्रदेश में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिये तैयार थे। नेशनल कॉन्फेंस के पूर्व सदस्य और वर्तमान में बीजेपी के नेता राणा ने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनावों में त्रिशंकु जनादेश के बाद, तत्कालीन नेतृत्व ने मुझे एक प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में दिल्ली भेजा था, ताकि भाजपा को नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ सरकार बनाने के लिए राजी किया जा सके… हम भगवा पार्टी के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए तैयार थे।