क्या आपको मालूम है… लखनऊ में बना था पहला साउंड स्टूडियो

यूपी में फिल्म सिटी की घोषणा: उस समय उलझे प्रयासों के कारण मूर्त रूप नहीं ले पाई थी योजना

लखनऊ। पल्लव शर्मा

लखनऊ में फिल्म सिटी की बुनियाद पहले भी रखी गई थी लेकिन सरकारी और अर्ध सरकारी उलझे प्रयासों के कारण इसी मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। आजादी के बाद पहला साउंड स्टूडियो लखनऊ में बर्लिंग्टन चौराहे के पास शुरू किया गया था। जिस जगह पर यूपी एग्रो का कार्यालय है उसी स्थान के आसपास। उस समय मुम्बई आकाशवाणी के आवाज के जादूगर कहे जाने वाले मुख्तार अहमद ने इसकी नींव रखी थी। और उस समय लखनऊ रंगमंच के प्रतिष्ठित कलाकारों में से प्रमोद बाला, माया गोविंद, पीएन श्रीवास्तव और लखनऊ के माने हुए रूप सज्जाकार आरके गुप्ता इन लोगों प्रथम पंक्ति में आते थे। यह मामला चलता रहा।

फोटो: साभार गूगल

इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने चलचित्र निगम की स्थापना की लेकिन यह निगम भी कोई उपलब्धि हासिल नहीं कर सका। क्यों कि यह सिनेमा घरों में पुरानी फिल्में चलाने लगा। इसके बाद आर्टिस्ट विजय नरेश ने लखनऊ फिल्म समारोह आयोजित किया। उसके बाद कई फिल्म निर्माता लखनऊ की तरफ आकर्षित हुए जिसमें मुज्जफर अली की ‘गमन’ और ‘उमराव जान’ दर्शकों को तोहफे के रूप में मिली। लेकिन मुज्जफर अली के लिये फिल्म बनाना कष्टकारी साबित हुआ क्येां कि उनको वित्तीय असुविधा का सामना करना पड़ा। इसके बाद आमिर खान फिल्म ‘लगान’ लेकर आए। फिर तो यह सिलसिला चल निकला।

फिर उत्तर प्रदेश में एक टॉयलेट प्रेमकथा, फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म वृंदावन में शूट की गई। तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो लगा कि उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण की असीम संभावनाएं बन सकती हैं। इसी के बाद उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने की योजना को मूर्त रूप देने का निर्णय लिया गया। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार ने रॉ मटीरियल के साथ पचास प्रतिशत सब्सीडी देने की योजना भी फिल्म निर्माताओं को प्रदान किये जाने का फैसला लिया है। इस वजह से फिल्म निर्माण से जुड़े निर्माता उत्तर प्रदेश की ओर से आकर्षित होने के लिये तत्पर है। यहां स्थानीय कलाकार फिल्म निर्माताओं को कम पारिश्रमिक में मिल जाते हैं और स्थानीय कलाकारों के लिये रोजगार के अवसर खुलने का भी सुनहरा अवसर है। फिल्म निदेशक प्रकाश झा एक वेब सिरीज लेकर आये हैं। उन्होंने वृंदावन में उसके सेट के लिये जगह को एक साल के बुक कर लिया है। कई स्थानीय कलाकारों को इसमें जगह दी जा रही है। यह अवसर उत्तर प्रदेश के कलाकारों और फिल्म कारों के भविष्य के लिये अच्छी खबर भी है।