मां शैलपुत्री के स्वरूप का दर्शन पूजन कर भक्त हुए निहाल, विंध्याचल में शारदीय नवरात्र मेला शुरू

कोरोना की गाइड लाइन के बीच नवरात्रि के पहले दिन धूमधाम से मना पर्व, घरों में भी स्थापित हुए कलश

लखनऊ। कोरोना की गाइडलाइन के बीच शनिवार से शारदीय नवरात्रि का पर्व देश भर में धूमधाम से मनाया गया। नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में भीड़ तो जुटी लेकिन बिना मास्क के किसी को प्रवेश की नहीं मिला। गेट पर ही श्रद्धालुओं के टेंपरेचर नापा गया और हाथों को सेनेटाइज करने के बाद ही प्रवेश दिया गया। एक बार में पांच लोगों को ही प्रवेश दिया गया। प्रसाद चढ़ाने और अगरबत्ती व दीपक जलाने की अनुमति भी नहीं मिली। घरों में लोगों ने कलश स्थापना कर माता को मनाया। उनको पूजन किया और मनोकामना मांगी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ी काली जी मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी। बक्शी का तालाब स्थित चंद्रिका देवी मंदिर में भी भक्तों ने दर्शन किये।

माता रानी के दर्शन

उधर, मिर्जापुर में शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां विंध्यवासिनी के कमलवत चरणों में भक्तों ने शीश नवकार पुण्यलाभ की कामना की। शुक्रवार भोर में मां शैलपुत्री के स्वरूप में मां विंध्यवासिनी का विधि-विधान से पूजन किया गया। वाराणसी समेत दूसरे जिले के साथ ही अन्य प्रांतों से आये श्रद्धालुओं ने  विंध्यधाम में माता के दर्शन करने के बादअष्टभुजा और काली खोह मंदिरों में भी दर्शन पूजन कर त्रिकोण परिक्रमा की। हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण इस बार नवरात्र के पहले दिन विंध्यधाम में भक्तों की भीड़ कम रही। तीर्थ पुरोहित और पुलिस कर्मी भी भक्तों को दर्शन पूजन कराने में जुटे रहे। भक्तों को भी किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई।

नवरात्रि के प्रथम दिन प्रयागराज स्थित अलोपशंकरी मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी। लोगों ने देवी के शैलपुत्री स्वरूप का दर्शन पूजन किया। इसके अलावा ललिता देवी, कल्याणी देवी, समयामाई आदि देवी धामों में लोग शनिवार सुबह से पहुंच कर पूजा की। कोरोना के नियमों के बावजूद भक्तों की अच्छी उपस्थिति रही। बड़ी संख्या में लोगों ने संगम स्नान कर गंगा पूजन भी किया।