कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन, 20 दिसम्बर को दिल्ली में करेंगे बड़ी रैली

इप्सेफ का दावा देश भर के लाखों कर्मचारियों ने किया धरना-प्रदर्शन, भारत सरकार को चेताया, दिसंबर 20 में दिल्ली में बड़ी रैली-प्रदर्शन एवं संसद मार्च किया जाएगा

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने प्रधानमंत्री एवं राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चेतावनी दी कि कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने के बजाए सार्थक निर्णय करें वरना देशभर के कर्मचारी काम ठप करने को बाध्य होंगे जो सरकार के लिए नुकसानदेह साबित होगा क्योंकि गांव से मंत्रालय तक सरकारी कर्मचारी ही जनता की सेवा करता है।

लखनऊ नगर निगम मुख्यालय पर धरना देते हुए कर्मचारी

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के आह्वान पर देशभर के केंद्र एवं राज्यों के लाखों कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन करके भारत सरकार को चेतावनी दी कि इप्सेफ द्वारा मोमबत्ती जलाकर, कर्तव्य दिवस, अधिकार दिवस, संकल्प दिवस मनाकर प्रधानमंत्री से मांग किया गया कि इप्सेफ की मांगों पर मिल बैठकर सार्थक निर्णय करें।

राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेम चंद्र ने बताया कि इसके पूर्व जंतर मंतर दिल्ली में विशाल प्रदर्शन किया गया था और प्रधानमंत्री जी को मांगों का ज्ञापन दिया गया था और कैबिनेट सचिव के साथ बैठक भी हुई थी परंतु भारत सरकार में कोई सकारात्मक निर्णय करने के बजाए कर्मचारियों के अहित का कार्य कर रही है जिससे देश भर का करोड़ों कर्मचारी आक्रोशित हैं। सरकारी कर्मचारियों की उपेक्षा सरकार के लिए हानिकारक साबित होगी। कोविड-19 संक्रमण काल में सरकार ने कुछ ऐसे निर्णय लिए जिससे कर्मचारी आक्रोशित हैं। और दिसंबर 2020 में नई दिल्ली में बड़ी रैली एवं संसद मार्च करेंगे।

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्र एवं महामंत्री प्रेम चंद्र ने बताया कि आज का धरना प्रदर्शन मुख्यतया उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु आदि राज्यों में पूर्णतया सफल रहा। सभी राज्यों में कर्मचारियों ने इप्सेफ के नेतृत्व में मांग की है कि अब एक बड़ी रैली-आंदोलन करके सरकार को बाध्य किया जाए कि वह बातचीत करके मांगों पर सार्थक निर्णय ले।

किसने कहां किया धरने का नेतृत्व

बलरामपुर अस्पताल में प्रदर्शन

धरने का नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा (लखनऊ) एस बी सिंह उपाध्यक्ष, एम पी द्विवेदी, मध्य प्रदेश, ओ पी शर्मा छत्तीसगढ़, विष्णु भाई पटेल गुजरात, शिवकुमार पराशर हरियाणा, सुरजीत कौर पंजाब, एच के साडिंल हिमाचल, प्रेमचंद्र  महामंत्री दिल्ली, राजस्थान सन्तोष कुमार, दीपक ढोलकिया (सलाहकार), आर. के. भदौरिया केन्द्रीय सचिवालय, दीपक कुमार, के. बी. गुप्ता, जी के खुराना, मनोज कुमार, राकेश कुमार, दिल्ली, राजेश्वर तिवारी बिहार, ने किया।

उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में हुआ धरना, ज्ञापन भेजा गया

डॉ आर एम एल संस्थान में धरना देते हुए

इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में धरना प्रदर्शन करके प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशी कुमार मिश्रा, सुरेश कुमार रावत, डॉ के के सचान, गिरीष चन्द्र मिश्रा, अशोक कुमार, सुनील यादव प्रवक्ता, स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के सै. कैसर रजा, आर पी सिंह, गोमती त्रिवेदी डा॰ पी॰ के॰ सिंह सचिव परिशद व अध्यक्ष वन सांख्यिकि सेवा संघ वन विभाग, आशीष पान्डे महामंत्री वन विभाग मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ, राजीव तिवारी अध्यक्ष डेण्टल एसोसिएशन, वाणिज्य कर मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसो॰ के अध्यक्ष कमल दीप महामंत्री जे॰ पी॰ मौर्य सर्वेश पाटिल अध्यक्ष आप्टोमेट्रिस्ट एसो॰ आर. के. पी. सिंह महामंत्री एक्स-रे टेक्नीशियन एसो॰ के॰जी॰एम॰यू॰ कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार, महामंत्री राजन यादव सुनील कुमार मीडिया प्रभारी परिशद व एल॰टी॰ एसो॰, सुभाष श्रीवास्तव जिलाध्यक्ष संजय पाण्डेय जिलामंत्री, राजेश कुमार चैधरी मंडलीय मंत्री अजय पान्डे कमल श्रीवास्तव का0 सचिव, डॉ आर.एम.एल. कर्मचार अस्तित्व बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष डी.डी. त्रिपाठी, उपाध्यक्ष अनिल कुमार चैधरी, राम मनोहर कुशवाहा, अभय पाण्डेय महामंत्री, गन्ना विभाग मिनि0 एसोसिएशन, सहायक वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मो॰ नदीम महामंत्री अमित श्रीवास्तव सिंचाई संघ के अध्यक्ष आर॰ के॰ पान्डे महामंत्री अवधेश मिश्रा राजस्व अधिकारी संघ के अध्यक्ष विजय किशोर मिश्रा महामंत्री नीरज चतुर्वेदी ट्यूबवेल टेक्निकल कर्मचारी संघ उ॰प्र॰ के अध्यक्ष उमेश राव महामंत्री रजनेश माथुर बेसिक हेल्थ वर्कर एसो॰ के अध्यक्ष धनन्जय तिवारी महामंत्री एस॰ एस॰ शुक्ला मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ की अध्यक्षा मीरा पासवान आर॰ एम॰ एल॰ आयुर्विज्ञान संस्थान संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रणजीत यादव, महामंत्री सच्चितानन्द मिश्रा एन॰एच॰एम॰ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मयंक सिंह बी॰एन॰ मिश्रा महामंत्री समाज कल्याण मिनि॰ एसो॰ नगर निगम लखनऊ से शैलेन्द्र तिवारी, रामकुमार रावत, अमरेन्द्र दीक्षित, मनोज वर्मा, विजय शंकर पान्डे, कुअंर जय सिंह, चन्द्र मोहन, सन्तोष श्रीवास्तव, प्रदीप सिंह, सतीश सिंह, अब्दुल रशीद  आदि ने अलग-अलग जगह पर नेतृत्व किया।

वन विभाग मुख्यालय में धरना करते हुए

लखनऊ में यह कार्यक्रम नगर निगम मुख्यालय, डॉ आर.एम.एल. संस्थान बलरामपुर चिकित्सालय, वन विभाग मुख्यालय, सिविल अस्पताल, के.जी.एम.यू., गन्ना विभाग सहित आदि विभागो में सम्पन्न हुआ।

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री एवं राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चेतावनी दी कि कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने के बजाएं सार्थक निर्णय करें वरना देशभर के कर्मचारी काम ठप करने को बाध्य होंगे जो सरकार के लिए नुकसानदेह साबित होगा क्योंकि गांव से मंत्रालय तक सरकारी कर्मचारी ही जनता की सेवा करता है।

कोविड-19 की महामारी में साबित हो गया है कि इस संकट की घड़ी में जो स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर, नर्सेज, फार्मासिस्ट, प्रयोगशाला सहायक, एक्स-रे टेक्निशियन, समस्त पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी, नगर निगम, नगर पंचायत एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों ने जान पर खेलकर सराहनीय कार्य किया है परंतु केंद्र व राज्य सरकार कोरोना से संक्रमित एवं  शहीद हुए कर्मचारियों के 50 लाख रुपए की सहायता तथा मृतक आश्रित को नियुक्ति तथा अन्य देयों का भुगतान ना करके निंदनीय कार्य किया है। जबकि राज्य सरकारों को उन्हें सम्मानित करना चाहिए था।

राष्ट्रीय महामंत्री प्रेमचंद ने भारत सरकार को चेतावनी दी कि यदि ऐसे ही उपेक्षा एवं अन्याय किया जाता रहा तो वह देश का 5 करोड़ कर्मचारी अपने हितों की रक्षा करने के लिए संघर्ष करके बड़ा आंदोलन करने को बाध्य हो जाएगा। केंद्र एवं राज्यों की सरकारों को भी मांग पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए वरना भावी चुनाव में उन्हें शिकस्त खानी पड़ेगी।

प्रमुख मांगें-

पुरानी पेंशन बहाली, राष्ट्रीय वेतन आयोग गठित करने, निजीकरण को रोकने, आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मियों का विनियमितिकरण व स्थाई नीति, दिवाली पूर्व बोनस का भुगतान, कर्मचारी आचरण नियमावली में सुधार कर कर्मचारियो को अधिकार दिए जाने, 50 साल की उम्र अथवा 30 साल की सेवा पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति किए जाने के विरोध में।