लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी और दुष्कर्म के आरोपी बसपा सांसद अतुल राय के साथ मिल कर पीडि़ता को आत्म हत्या के लिए मजबूर करने वाले पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के काले कारनामों की फेहरिश्त लंबी है। लोकायुक्त जांच में आय से अधिक संपत्ति और काला धन सफेद करने के धंधे में लिप्त पाए गए ठाकुर के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग जोर पकड़ने लगी है। संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर अमिताभ ठाकुर पर मुकदमा दर्ज कर उसके भ्रष्टाचार और अपराधों में संलिप्तता की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।
लोकायुक्त जांच में अमिताभ ठाकुर आय से अधिक संपत्ति रखने, काले धन से परिवार के नाम संपत्ति खरीदने, एनजीओ के जरिए काले धन को सफेद करने, पीआईएल ट्रेडिंग कराने और आईपीएस पद का दुरुपयोग करने जैसे मामलों में दोषी पाए गए थे। 24 अगस्त 2015 को लोकायुक्त ने कार्रवाई के लिए शासन को प्रतिवेदन भेजा था। जिस पर अभी तक कार्रवाई लंबित है।
शिकायतकर्ता संजय शर्मा ने बताया कि प्रतिवेदन की अनुशंषाओं के प्रथम बिंदु में लोकायुक्त ने प्रतिवेदन में इंगित समस्त तथ्यों का समावेश करते हुए अमिताभ ठाकुर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने की अनुशंसा की थी। लोकायुक्त ने अभिताभ ठाकुर द्वारा आय से अधिक संपत्तियां अर्जित करने, काले धन से परिवारजनों के नाम पर संपत्ति क्रय-विक्रय करने, पत्नी नूतन ठाकुर के साथ मिलकर अनेकों एनजीओ बनाकर काले धन को सफेद करने, पीआईएल ट्रेडिंग करने, आईपीएस पद का दुरुपयोग करके लोगों के प्लॉट्स पर अवैध कब्जे करने आदि की जांच केन्द्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई प्रवर्तन निदेशालय आदि से कराने की अनुशंसा शासन से की थी।
लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट पर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर अभी तक शासन की ओर से कार्रवाई नहीं गई है। शिकायतकर्ता संजय शर्मा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर अनुरोध किया है कि वे लोकायुक्त की जांच के आधार पर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर जांच केन्द्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, इनकम टैक्स, आर्थिक अपराध इकाई से कराए जाने की मांग की है। संजय शर्मा ने कहा कि अमिताभ ठाकुर का माफियाओं से मजबूत गठजोड़ रहा है। वर्दी में रहते हुए अमिताभ अपराधियों के लिए काम करता रहा है। देश विरोधी काम करने वाले लोगों से भी पूर्व आईपीएस के संबंध रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।