रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड को दिया आठ पुलों को तोहफा

अरुणाचल प्रदेश में आठ, हिमाचल प्रदेश में दो, जम्मू कश्मीर में दस, लद्दाख में आठ, पंजाब में चार और सिक्किम में चार पुलों का भी वर्चुअल उद्घाटन किया

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ)  द्वारा उत्तराखंड में बनाए गए आठ पुलों का वर्चुअल उद्घाटन सोमवार को किया। रक्षा मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में आठ, हिमाचल प्रदेश में दो, जम्मू कश्मीर में दस, लद्दाख में आठ, पंजाब में चार और सिक्किम में चार पुलों का भी वर्चुअल उद्घाटन किया। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे विशवास है कि आधुनिक उच्च क्षमता वाली सड़कों और पुलों के निर्माण से इन स्थानों पर और समृद्धि आएगी। मुझे ख़ुशी होती है, आज से 5-6 वर्ष पहले तक संगठन का वार्षिक बजट जो कि तीन से चार हज़ार करोड़ रूपए तक हुआ करता था, वर्तमान में 11,000 करोड़ रूपए से भी अधिक हो गया है। यानी लगभग तीन गुना बढ़ गया है और कोविड-19 महामारी के बावजूद बीआरओ के खर्च पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान भी बीआरओ ने उत्तर पूर्वी राज्यों, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में निरंतर कार्य किया है।

दूरदराज़ के स्थानों पर स्नो क्लीयरिंग में देरी न हो, यह  सुनिश्चित करते हुए बीआरओ ने अपना काम सदैव जारी रखा। सीमावर्ती इलाकों में सड़कों, सुरंगों और पुलों का लगातार निर्माण, आप लोगों की प्रतिबद्धता, और सरकार के रिमोट एरियाज में पहुंचने के प्रयास को दर्शाता है। ये सड़कें न केवल सामरिक जरूरतों के लिए होती हैं, बल्कि राष्ट्र के विकास में सभी की बराबर भागीदारी सुनिश्चित करती है। इन पुलों में कई छोटे, तो कई बड़े पुल हैं, पर उनकी महत्ता का अंदाजा उनके आकार से नहीं लगाया जा सकता है।

फोटो: साभार गूगल

शिक्षा हो या स्वास्थ्य, व्यापार हो या खाद्य आपूर्ति, सेना की सामरिक आवश्यकता हो या अन्य विकास के काम, इन्हें पूरा करने में ऐसे पुलों और सड़कों की समान, और अहम भूमिका होती है। इन पुलों के निर्माण से, हमारे पश्चिमी, उत्तरी और नार्थ-ईस्ट के दूर-दराज के इलाकों में सेना और सिविल ट्रांसपोर्ट में बड़ी सुविधा मिलेगी। हाल ही में राष्ट्र को समर्पित ‘अटल टनल, रोहतांग’ इसका जीता-जागता उदाहरण है। न केवल भारत, बल्कि विश्व के इतिहास में यह निर्माण अद्भुत, और अभूतपूर्व है। यह टनल हमारी ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’, और ‘हिमाचल’, ‘जम्मू-कश्मीर’ और ‘लद्दाख’ के जनजीवन की बेहतरी में एक नया अध्याय जोड़ेगा।