जहां एक तरफ दुनियाभर में कोरोना वायरस से हाहाकार मची है, दुनिया इस खतरनाक महामारी से जूझ रही है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस मुश्किल की घड़ी में भी धोखाधड़ी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। उनके लालच के आगे इंसानी जान की कीमत भी कुछ नहीं है। ऐसा ही एक डरा देने वाला मामला इंडोनेशिया से सामने आया है। एक दवा कंपनी के कई कर्मचारियों ने लोगों की जान से खेलते हुए नाक से सैंपल लेने वाली किट को एक बार प्रयोग में आने के बाद उसे धोकर फिर से इस्तेमाल किया है।
पुलिस के मुताबिक मेडन एयरपोर्ट पर कम से कम 9000 लोग इस धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। बीबीसी की खबर की माने तो सरकारी कंपनी किमिया फार्मा के खिलाफ ठगी के शिकार हुए यात्रियों ने केस कर दिया है। वैश्विक महामारी के दौरान नाक से स्वैब लेकर टेस्ट करना भारत समेत कई देशों में आम है। पुलिस का कहना है कि यह घोटाला संभवत: पिछले साल दिसंबर में उत्तरी सुमात्रा के कुआलानामू एयरपोर्ट पर हुआ है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इसका खुलासा कैसे हुआ।
एयरपोर्ट पर हो रहे एंटीजन टेस्ट
इंडोनेशिया में विमान यात्रा करने के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट जरूरी है। इसके लिए एयरपोर्ट पर ही टेस्टिंग की व्यवस्था की गई है। एयरपोर्ट प्रशासन ये टेस्ट किमिया फार्मा द्वारा उपलब्ध कराई गई एंटीजन रैपिड टेस्ट किट का इस्तेमाल कर रहा था। पिछले हफ्ते मैनेजर समेत कंपनी के पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर संदेह है कि इन्होंने स्वास्थ्य व उपभोक्ता कानून का उल्लंघन किया है और नाक से सैंपल लेने वाली स्टिक को इस्तेमाल के बाद धोकर फिर से पैक करके बेच दिया है।
करीब एक करोड़ का मुनाफा
स्थानीय मीडिया के मुताबिक इस मामले में 23 लोगों की गवाही के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। माना जा रहा है कि इन लोगों ने इस घोटाले से करीब 92 लाख रुपये (1,24,800 डॉलर) का मुनाफा कमाया है। यह भी जांच की जा रही है कि क्या इस स्कैम से कमाए गए पैसों से एक कर्मचारी ने आलीशान घर बनाया है। किमिया फार्मा का मुख्यालय जकार्ता में है। कंपनी ने सभी आरोपी कर्मचारियों को निकला दिया है और ज्यादा बेहतर नियंत्रण रखने का भरोसा जताया है।
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प्रत्येक यात्री के लिए 100 करोड़ रुपैया की मांग
हालांकि साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ यात्री कंपनी के खिलाफ मुकदमा ठोकने की तैयारी में हैं। सामूहिक मुकदमे में प्रत्येक यात्री के लिए 100 करोड़ इंडोनेशियाई रूपए के हरजाने की मांग करने की योजना है।