नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयन्ती पर शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद कांग्रेस ने भले ही नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के इतिहास को खत्म करने का प्रयास किया हो, लेकिन भारतीय जनमानस में नेताजी का कद किसी भगवान से कम नहीं। आज भी देश की जनता मानती है कि देश को नेताजी सुभाष ने ही आजादी दिलायी और नेताजी होते तो देश नहीं बंटता।
इंद्रेश कुमार ने लमही स्थित सुभाष भवन में विशाल भारत संस्थान की ओर से आयोजित 06 दिवसीय सुभाष महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज़ादी का इतिहास कुर्बानियों से लिखा गया है। अखण्ड भारत की सीमाओं की पुनर्वापसी सभी भारतीयों के लिये बहुत बड़ी चुनौती है।
उन्होंने कहा कि जन्मभूमि की रक्षा और सेवा करना स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग है। देश के लिये मरने वालों की अंतिम विदाई भी तिरंगे और तोपों की सलामी के साथ होती है। संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजीव ने कहा कि दुनिया भर में आजादी की लड़ाई लड़ी गयी, सभी देशों के इतिहास पुरूष हैं, लेकिन जो सम्मान सुभाष चन्द्र बोस को मिला वो शायद ही किसी महापुरूष को नसीब हुआ हो।
इसके पहले अखण्ड भारत की सीमाओं की पुनर्वापसी के लिए सुभाष भवन से निकले सांकेतिक मार्च का भी इंद्रेश कुमार ने नेतृत्व किया। महोत्सव में इन्द्रेश कुमार ने मुंशी प्रेमचन्द और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर माल्यार्पण कर दीपोज्वलन किया।
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संस्थान की महासचिव अर्चना भारतवंशी ने बताया कि छह दिवसीय सुभाष महोत्सव में कविता पाठ, चित्रकला प्रतियोगिता, देशभक्ति संगीत कार्यक्रम, विचार गोष्ठी आदि का आयोजन किया गया है। नेताजी के 125वें जन्म दिवस 23 जनवरी को विश्व के पहले सुभाष मंदिर में 125 दीप जलेंगे, 23 किलो माला चढ़ेगा और उस दिन 125 जातियों के लोगों को अपने पूर्वजों के काम को सम्मान पूर्वक करने हेतु सम्मानित किया जायेगा। सुभाष मार्च का संयोजन नजमा परवीन ने किया। इसमें नाजनीन अंसारी, डा. मृदुला जायसवाल, डा. निरंजन श्रीवास्तव, दिलीप सिंह, डा. भोलाशंकर, मो. अजहरूद्दीन, फहीम अहमद, धनंजय यादव, खुशी रमन भारतवंशी, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी आदि शामिल रही।