जयपुर। सियासत ऐसी कि कांग्रेस नेता ने कांग्रेस नेता को कांग्रेस पार्टी के नेता के खिलाफ ही बड़ा आर्शीवाद दे डाला। बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के नजदीकी माने जाने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम के दो शब्दों में किए गए एक सोशल मीडिया कमेंट ने राजस्थान कांग्रेस की सियासत को गर्मा दिया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सार्वजनिक रूप से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दे दिया।
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उन्होंने सचिन पायलट की बयाना में हुई किसान रैली के फोटो और वीडियो ट्वीट करते हुए रिप्लाई किया कि मुख्यमंत्री भव:। प्रमोद कृष्णम ने जॉइन कांग्रेस हैशटेग से सोशल मीडिया पर चल रहे कैम्पेन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से युवाओं को मौका देने के संबंध में किए गए ट्वीट पर भी गहलोत से पूछा है कि क्या आपका इशारा सचिन पायलट की तरफ है?
आचार्य प्रमोद कृष्णम की इन दो टिप्पणियों से राजस्थान कांग्रेस की सियासत गरमाई हुई है। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने 9 फरवरी को बयाना में किसान सभा की थी। पायलट ने बयाना की रैली के फोटो-वीडियो ट्वीट किए थे, जिस पर रिप्लाई करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लिखा, मुख्यमंत्री भव:। प्रमोद कृष्णम का यह आशीर्वाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे को पसंद नहीं आया हैे। गहलोत खेमे के नेता सचिन पायलट के दौरों को समानांतर ताकत जुटाने की कवायद के तौर पर देख रहे हैं। यह खेमा लगातार पायलट के खिलाफ माहौल बनाने की कवायद में है, लेकिन अब तक उन्हें वांछित कामयाबी नहीं मिल पा रही है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक ट्वीट पर भी रिप्लाई किया। सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को जॉइन कांग्रेस सोशल मीडिया के लिए वीडियो मैसेज जारी कर लिखा था कि मैं चाहूंगा युवा पीढ़ी आगे आए। जॉइन कांग्रेस कैंपेन में भाग लें और सही तस्वीर देश की जनता तक पहुंचाएं, यह हमारा प्रयास होना चाहिए। आज सोशल मीडिया के माध्यम से हम अपनी बात पहुंचा सकते हैं, जब मीडिया दबाव में है तब इसकी ज्यादा आवश्यकता बढ़ गई है। इस पर आचार्य प्रमोद ने जवाबी ट्वीट कर पूछा कि क्या आपका इशारा सचिन पायलट की तरफ है?
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि राजस्थान कांग्रेस से बगावत के बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट ने आलाकमान के समक्ष जो मांगे रखी थी, उन पर कार्रवाई में सुस्ती आने के बाद पायलट इन दिनों किसान आंदोलन के समर्थन में सभाएं करके जमीनी समर्थन को रिचार्ज करने में जुटे हुए हैं। ये सभाएं कांग्रेस संगठन से इतर हो रही है। इससे वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और आलाकमान को अपना समर्थन व ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। बगावत के बाद दोबारा पार्टी में लौटने के बावजूद उनके दिल अब तक आपस में पूरी तरह नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में यह खेमेबाजी अब सार्वजनिक तौर पर दिखने लगी है।