केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट में फंडिंग को लेकर जांच के आदेश दिए है। गृह मंत्रालय ने इसके लिए जांच कमिटी का गठन किया है, जो इन फाउंडेशन की फंडिंग और इसके द्वारा किए गए उल्लंघन की जांच करेगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से बुधवार को इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी गई। ट्वीट में कहा गया, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालय कमेटी का गठन किया है, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच करेगी।
इस जांच में PMLA एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट, FCRA एक्ट के नियमों के उल्लंघन की जांच की जाएगी। कमेटी की अगुवाई ईडी के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे। बता दें कि इस कमेटी की अगुवाई सिमांचल दास, स्पेशल डायरेक्टर (प्रवर्तन निदेशालय) करेंगे।
दरअसल, भारत और चीन के बीच जारी विवाद के बीच जब कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर हमला शुरू किया गया तो भारतीय जनता पार्टी ने उल्टा कांग्रेस को घेर लिया। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से आरोप लगाया गया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से फंडिंग मिलती थी।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा था, ‘संकट में लोगों की मदद करने के लिए बना पीएमएनआरएफ, यूपीए के कार्यकाल में राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसे दान कर रहा था। पीएमएनआरएफ बोर्ड में कौन बैठा? सोनिया गांधी। राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्षता कौन करता है? सोनिया गांधी, यह पूरी तरह से निंदनीय है।’
आपको बता दें कि राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं और इसके बोर्ड में डॉ। मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, पी। चिदंबरम और प्रियंका गांधी हैं।
राजीव गांधी फाउंडेशन की वार्षिक रिपोर्ट (2005-06) में यह स्पष्ट है कि राजीव गांधी फाउंडेशन को पीपुल रिपब्लिक ऑफ चाइन के दूतावास से फंडिंग हुई। जानकारी के मुताबिक इस फंडिंग का नतीजा ये रहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन ने भारत और चीन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के बारे में कई स्टडी की और इसे जरूरी बताया।