कांग्रेस के दिग्गज नेता जितिन प्रसाद ने गुरूवार को बीजेपी का दामन थाम लिया है। राहुल गांधी के करीबी बताए जा रहे युवा नेता जितिन प्रसाद द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद कांग्रेस का गुस्सा फूट पड़ा है। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले लगी इस तगड़ी चोट से कांग्रेस की कराह सुनाई पड़ी है। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी ने जितिन प्रसाद हमेशा सम्मान दिया और उन्होंने उन्होंने विश्वासघात किया।
कांग्रेस अध्यक्ष ने जितिन प्रसाद को बताया विश्वासघाती
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश इकाई के कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जिसकी पहचना कांग्रेस पार्टी ने बनाई, बंगाल का प्रभारी बनाया और आज जो जितिन प्रसाद ने किया है। वह कहीं से भी अच्छा नहीं माना जा सकता है। मैं समझता हूं कि जितिन प्रसाद जी जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने सम्मान दिया, जितना उन्हें मान दिया, मर्यादा दी और उसके बाद भी आज कांग्रेस पार्टी के साथ विश्वासघात किया है। अब समय ही बताएगा। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि सफलता उनसे कोसो दूर रहेगी।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के रहने वाले जितिन प्रसाद के पिता स्वर्गीय जितेन्द्र प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम करने वाले जितिन प्रसाद को कांग्रेस में साल 2001 में युवा कांग्रेस में सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद अपनी गृह सीट शाहजहांपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे। साल 2008 में जितिन प्रसाद भरोसा जताते हुए उन्हें मनमहन सिंह सरकार में केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री की जिम्मेदारी दी गई।
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जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं। जितिन ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने यूपीए सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली।