शिकायतकर्ता थके, जनपद सीतापुर के विकासखण्ड गोंदलामऊ के ग्राम पंचायत गांगूपुर का मामला, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को गांव वाले कई बार कर चुके शिकायत
लखनऊ। सीतापुर की ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है। ग्राम्य विकास मंत्री के निर्देशों के बाद सुनवाई नहीं हो रही है। यहां शिकायतकर्ताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का उद्देश्य प्रदेश को भ्रष्टाचारमुक्त राज्य बनाना है किन्तु जनपद सीतापुर के विकासखण्ड गोंदलामऊ के ग्राम पंचायत गांगूपुर के ग्राम प्रधान तथा यहां तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी व पंचायत मित्र ग्राम पंचायत में लागू विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में मुख्यमंत्री के उद्देश्यों के विपरीत होकर भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबे हुए है। इन लोगों की राजनीतिक पहुंच के आगे प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के सम्बन्ध में अनेकों बार पारित आदेश भी बौने एवं शून्य साबित होते दिखायी दे रहें हैं ।
बताते चलें कि इस ग्राम पंचायत में वर्तमान ग्राम प्रधान प्रेमा देवी है तथा इसके पूर्व इनके पुत्र बृजेन्द्र बहादुर ग्राम प्रधान रहें है। वर्तमान में यहां पवन कुमार तिवारी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के रूप में तैनात हैं इसके पूर्व अवधेश कुमार तथा राजेन्द्र कुमार शुक्ला इस ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के रूप में कार्यरत रहें हैं।
आरोप है कि इस ग्राम पंचायत की वर्तमान ग्राम प्रधान प्रेमा देवी तथा गत पंचवर्षीय योजना में प्रधान रहे इन्ही के पुत्र बृजेन्द बहादुर द्वारा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत फोर्थ स्टेट फाइनेंस कमिशन और फार्टीन फाइनेंस कमिशन में विभिन्न प्रदर्शित विकास कार्यों में फर्जी तरह से विना कराये कार्य के सापेक्ष धनराशि का भुगतान दर्शाकर शासकीय धन का गबन करने, आवास आवंटन में पात्र व्यक्तियों को नजरंदाज कर नियमों, मानकों के विपरीत पारिवारिक आईडी में हेराफेरी कर कोटिक्रम को छोड़ते हुए अपात्रों को आवास आवटित करने, आवंटित आवास को लाभार्थी को न देकर प्रधान द्वारा अपने करीबीलोगों को देने ,विभिन्न मदों में सामग्री का क्रय किये विना उसके सापेक्ष भुगतान कर शासकीय धन का दुरूपयोग करने, मनरेगा योजना में विगत दो पंचवर्षीय योजना में व्यापक स्तर पर गड़बडी तथा बिना कार्य किये हुए लाखों रूपये का फर्जी भुगतान कराकर शासकीय धन का गबन करने की अनेकों शिकायतें इस ग्राम पंचायत के विभिन्न नागरिकों द्वारा समय-समय पर अपने शपथपत्र सहित देश के प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, ग्राम्य विकास मंत्री, पंचायतीराज मंत्री तथा शासन के सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनपद के जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को प्रेषित की जा चुकी हैं किन्तु आज तक इस ग्राम पंचायत की जांच किसी भी स्तर से नही करायी जा सकी।
इस ग्राम पंचायत के विभिन्न नागरिकों ने इस ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार किये जाने की तथ्यात्मक शिकायतें प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री से भी करते हुए शिकायतीपत्र दिये गये। समय-समय पर ग्रामवासियों के प्राप्त शिकायती पत्रों मे प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री श्री राजेन्द्र प्रताप सिंह मोती सिंह द्वारा शिकायतों की जांच कराने हेतु विस्तृत निर्देश प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास को दिये गये। किन्तु सम्बन्धित ग्राम प्रधान की पैरवी तथा राजनीतिक पहुंच के चलते ग्राम्य विकास मंत्री का आदेश भी बौना साबित हुआ तथा शिकायतों की जांच कार्यवाही को दबवा दिया गया। शिकायतों की जाँच आज तक नही हुई और ग्राम्य विकास मंत्री का आदेश ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया ।