भले ही बीते दिनों भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने लद्दाख में एलएसी पर तैनात अपनी अपनी सेनाओं को हटाने की सहमति जताई हो, लेकिन के मंसूबे अच्छे नजर नहीं आ रहे हैं। दरअसल, चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने अपने सीनों से युद्ध की तैयारी करने के लिए कहा है, चीनी राष्ट्रपति ने अपने सैनिकों से कहा है कि मौत से न डरें, बल्कि युद्ध जीतने की तैयारी करने पर खुद को फोकस करें।
चीनी राष्ट्रपति ने मिलिट्री कमांडर्स को दिया ये आदेश
चीनी मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार, शी जिंगपिंग ने मिलिट्री कमांडर्स को संबोधित करते हुए कहा है कि वे मौत से नहीं डरें और युद्ध जीतने की तैयारी करने पर खुद को फोकस करें। मिलिट्री कमांडर्स को संबोधित करते हुए जिनपिंग ने यह बात कही। उन्होंने बीते बुधवार को कहा कि युद्ध की स्थिति के लिए जरूरी ट्रेनिंग तेज कर दें।
जिंगपिंग ने कहा कि मिलिट्री ट्रेनिंग लगातार चलने वाली चीज है और आर्मी का यह मुख्य काम है। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान अधिक प्रभावी साबित होने के लिए ट्रेनिंग जरूरी है। चीन के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि चीन का लक्ष्य पीपल्स लिबरेशन आर्मी को वर्ल्ड क्लास फाइटिंग फोर्स बनाना है।
चीनी राष्ट्रपति जिंगपिंग का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब भारत और ताइवान दोनों देश चीन के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। इन दोनों देशों के साथ चल रहे तनाव के बीच शी जिंगपिंग अपने सैनिकों को युद्ध के लिए बराबर तैयार रहने की हिदायत दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले महीने भी चीनी राष्ट्रपति ने अपने सैनिकों को युद्ध की तैयारी करने के निर्देश दिए थे। इस निदेश में उन्होंने नेवी सैनिकों से कहा था कि आप लोग अपना पूरा दिमाग और ऊर्जा युद्ध की तैयारी पर लगाएं और हाई अलर्ट की स्थिति में रहें।
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आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच 6 नवंबर को लद्दाख के चुशूल में 8वीं वाहिनी कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। इस बातचीत के बाद दोनों देशों ने एलएसी पर भारी संख्या में तैनात सैनिकों को वापस लेने को मंजूरी दी थी। साथ ही इस बात पर भी मुहर लगी थी कि दोनों देश टैंक और बख्तरबंद वाहनों को एलएसी से तय की गई दूरी तक वापस ले जाएंगे। इस बैठक में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और मिलिट्री ऑपरेशंस के डायरेक्ट्रेट जनरल ब्रिगेडियर घई ने हिस्सा लिया था।