हरियाणा के फरीदाबाद जिले में बीते मंगलवार को नगर निगम ने बड़खल गांव के जमाई कॉलोनी की स्थित 50 साल पुरानी मस्जिद को गिरा दिया। नगर निगम ने यह कहते हुए कार्रवाई की कि यह इमारत आरक्षित वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण है। यह मामला कई सालों तक पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से लेकर भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक जाता रहा। निगम ने कार्रवाई के लिए कानूनी आधार के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का हवाला दिया। हालांकि, स्थानीय मुसलमानों ने दावा किया कि मामला अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है।
मस्जिद के आसपास विवादित क्षेत्र में पुलिस सुरक्षा में तोड़फोड़
यह तोड़फोड़ कड़ी सुरक्षा के बीच की गई। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए तीन सहायक पुलिस आयुक्तों के साथ लगभग 250 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। नगर निगम की टीम सुबह-सुबह बुलडोजर लेकर पहुंची और मस्जिद के साथ-साथ आसपास के अन्य अवैध निर्माणों को भी हटा दिया।
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मस्जिद के आस-पास के इलाके की घेराबंदी कर दी गई थी। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि उन्हें मस्जिद के 100 मीटर के भीतर जाने की अनुमति नहीं थी। एक स्थानीय व्यक्ति ने दावा किया कि पुलिस ने कथित तौर पर चेतावनी दी थी कि अगर कोई मस्जिद के पास जाने की कोशिश करेगा तो लाठीचार्ज किया जाएगा। आपातकालीन स्थिति के लिए मौके पर फायर ब्रिगेड की एक टीम भी तैनात की गई थी।
कानूनी और स्थानीय दावे टकराते हैं
नगर निगम ने जोर देकर कहा कि यह संरचना अवैध थी और संरक्षित वन भूमि पर स्थित थी। हालांकि, निवासियों ने दावा किया कि यह भूमि बड़खल गांव की थी। उन्होंने दावा किया कि यह विध्वंस न्यायालय की अवमानना है, क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है।