सपा की लाल टोपी के जवाब में BJP विधायकों ने पहनी भगवा टोपी, विधान सभा में दिखे कई रंग

उत्तर प्रदेश विधान सभा में सोमवार को रंग-बिरंगा नजारा देखने को मिला. सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों के ही ओर के विधायक अपनी-अपनी पार्टियों के झंडे के रंग की टोपियां और अंग वस्त्र पहने नजर आए. सपा की लाल टोपी के जवाब में बीजेपी विधायकों ने सदन के भीतर भगवा टोपी पहन रखी थी जिसके बाद विधान सभा का नजारा काफी कलरफुल नजर आ रहा था.

भगवा टोपी में दिखे BJP विधायक

उत्तर प्रदेश की 18वीं विधान सभा का पहला सत्र राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू हुआ. इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य लाल रंग की टोपी में दिखे, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भगवा रंग की टोपी में नजर आए. भाजपा के अधिकांश विधायकों समेत उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत कई मंत्री यह टोपी लगाये नजर आए.

भाजपा में टोपी का चलन विधान सभा चुनाव के दौरान बढ़ा जब वाराणसी में रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवा टोपी पहनी थी. इसके पहले भाजपा नेता सपा की लाल टोपी पर लगातार हमलावर थे. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष गोरखपुर की एक सभा में कहा था कि लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट हैं. इसके जवाब में पलटवार करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लिए महंगाई, बेरोजगारी का रेड अलर्ट है.

हर दल का अपना रंग

सदन में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य नीले रंग के अंग वस्त्र धारण किए दिखाई दिए, जबकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक पीला गमछा और राष्ट्रीय लोक दल के सदस्य हरा गमछा पहने हुए थे. नेता विरोधी दल अखिलेश यादव सदन में आये तो समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने उनके जिंदाबाद का नारा लगाया. उप मुख्यमंत्री मौर्य समेत कई मंत्री अपनी सीट से आकर यादव का स्वागत किया.

नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना और विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह सदन में एक साथ आये. इसके पहले राज्यपाल का सभी ने स्वागत किया. विपक्षी सदस्य खासतौर से सपा के सदस्य लाल, नीली, काली तख्तियों पर सरकार विरोधी नारा लिखकर ले आये थे और राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन में लहराते रहे.

हाईटेक हुई यूपी विधान सभा

इस बार विधान सभा की कार्यवाही को कागज रहित करते हुए डिजिटल बनाया गया और हर सदस्य के लिए उसकी सीट निर्धारित की गई है. यही नहीं, हर सीट पर एक टैबलेट लगा हुआ है, जिसके जरिए विधायक सवाल-जवाब की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं. हालांकि कार्यवाही और सीट निर्धारण का यह डिजिटल स्वरूप हर किसी के लिए आसान नहीं रहा और कई सदस्य अपनी-अपनी सीट ढूंढ़ते नजर आए.

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इसके अलावा कई सदस्य सीट पर लगे टैबलेट को शुरू करने में संघर्ष करते दिखे. सपा के कई विधायक टैबलेट पर अपनी पार्टी का पेज खोलते नजर आए. लेकिन अब इस बदलाव से यूपी की विधान सभा हाईटेक जरूर हो गई है.