बीते दिन उत्तर प्रदेश के बलिया में SDM और CO के सामने हुए गोलीकांड मामले में भले ही योगी सरकार सख्त से सख्त कदम उठा रही हो, लेकिन बीजेपी के नेता ही उसके बचाव में बयानबाजी भी कर रहे हैं। दरअसल, इस मामले को लेकर बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह अपने बयान ने आरोपी बीजेपी कार्यकर्ता का बचाव करते नजर आए। बीजेपी विधायक ने अपने बयान में कहा कि पहले आरोपी और उसके परिजनों को पीटा गया, इसलिए उसने इस घटना को अंजाम दिया।
एक न्यूज चैनल द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वहां प्रशासन पहले से मौजूद था। कोटे की दुकान के लाइसेंस के लिए खुली बैठक आयोजित की गई थी। इसी में कोटे का फैसला होना था।
विधायक ने बताया कि इस बैठक में एक पक्ष ने पूरे दस्तावेज दे दिए थे जबकि दूसरा पक्ष नहीं दे रहा था। जिसके बाद वहां पर मारपीट और भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। इस दौरान वहां लाठी-डंडे और पत्थर चलने लगे। जिसके चलते दर्जनों लोग घायल हो गए। विधायक ने बताया कि इसके बाद गोलीकांड के आरोपी को पिता को लोगों ने डंडे से मारा। विधायक कहते हैं कि अगर किसी को परिजन को कोई मार देगा तो क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।
बीजेपी विधायक ने कहा कि इस घटना कि वह पुरजोर निंदा करते हैं और जिसने जो भी गलती की है, उसे उसी अंश में दंड मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरोपी के परिजन भी घायल हुए हैं, उनके आरोपियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
दरअसल, बीते दिन बलिया के रेवती थाना क्षेत्र में स्थित दुर्जनपुर गांव में धीरेंद्र सिंह नामक आरोपी ने भरी भीड़ में SDM और CO के सामने ही जयप्रकाश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। केवल इतना ही नहीं, इस घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी मौके से फरार भी हो गया। पुलिस ने इस मामले में आरोपी सहित 8 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। साथ ही इस मामले में SDM और CO को सस्पेंड कर दिया गया है।
मामले में आजमगढ़ रेंज के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि आरोपी के साथ 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए एक दर्जन से ज्यादा टीमें गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस दो दर्जन से ज्यादा जगहों पर आरोपियों की तलाश में दबिश डाल चुकी है। पुलिस ने इस केस को चुनौती के तौर पर लिया है और इस मामले में ऐसी करवाई की जाएगी कि आगे ऐसा अपराध करने से पहले व्यक्ति कई बार सोचने पर मजबूर हों।