नई दिल्ली। सही खानपान और संतुलित जीवनशैली स्वस्थ शरीर की सबसे बड़ी पहचान है, लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं। यही लापरवाही धीरे-धीरे गंभीर बीमारियों की वजह बन जाती है। खासकर भारत में किडनी से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, जो चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का कहना है कि रोजमर्रा की कुछ गलत आदतें किडनी को चुपचाप नुकसान पहुंचाती हैं और समय रहते ध्यान न दिया जाए तो किडनी की गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
अक्सर लोग सिरदर्द, पेट दर्द या हल्की-फुल्की तकलीफ में डॉक्टर से सलाह लेने के बजाय सीधे मेडिकल स्टोर से दवाएं ले लेते हैं। इसी तरह खानपान और लाइफस्टाइल की कई गलतियां किडनी पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं। आइए जानते हैं वे आदतें, जिनसे किडनी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।
ये आदतें बढ़ा रही हैं किडनी की बीमारी का खतरा
ज्यादा नमक का सेवन
भोजन में ज्यादा नमक लेने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और किडनी को नुकसान पहुंचता है।
अधिक नॉनवेज खाना
मीट में मौजूद ज्यादा प्रोटीन किडनी पर अतिरिक्त मेटाबॉलिक दबाव डालता है। लंबे समय तक अधिक प्रोटीन लेने से किडनी स्टोन और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
ओवरईटिंग और मोटापा
जरूरत से ज्यादा खाना वजन बढ़ाता है। मोटापे से ग्रस्त लोगों में किडनी डैमेज का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में कई गुना ज्यादा होता है।
जरूरत से ज्यादा दवाएं लेना
छोटी समस्याओं पर बार-बार पेनकिलर या एंटीबायोटिक लेने की आदत किडनी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेने से बचें।
शराब और कोल्ड ड्रिंक का अधिक सेवन
नियमित और अधिक मात्रा में शराब पीने से लिवर के साथ-साथ किडनी पर भी बुरा असर पड़ता है। ज्यादा कोल्ड ड्रिंक पीना भी नुकसानदेह है।
यूरिन रोककर रखना
बार-बार पेशाब रोकने से ब्लैडर पर दबाव बढ़ता है। इससे यूरिन रिफ्लैक्स और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जो किडनी तक पहुंच सकता है।
सिगरेट और तंबाकू
धूम्रपान और तंबाकू के सेवन से शरीर में टॉक्सिन्स जमा होते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और किडनी डैमेज की आशंका रहती है।
कम या ज्यादा पानी पीना
रोजाना 8–10 गिलास पानी पीना जरूरी है। कम पानी पीने से टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते, जबकि जरूरत से ज्यादा पानी पीने पर भी किडनी पर दबाव बढ़ सकता है।
नोट: ऊपर दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह न समझें। किसी भी समस्या या लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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