इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएसपी विधायक राजू पाल और इस हत्याकांड के गवाह उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे अली अहमद की हत्या के प्रयास और फिरौती के एक मामले में जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह आदेश अली अहमद की जमानत याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने दिया है. कोर्ट ने कहा कि उमेश पाल हत्याकांड में अली का नाम सामने आया है. वह माफिया बनने की ओर अग्रसर है, ऐसे में अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह गवाहों और समाज के लिए खतरा साबित होगा.

कोर्ट ने कहा कि माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके परिवार ने अपराध के जरिए अकूत धन संपत्ति जमा की है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी याचिकाकर्ता एक ऐसे कुख्यात अपराधी और बाहुबली माफिया डॉन का बेटा है जिस पर 100 से ज्यादा हत्या, अपहरण, फिरौती और प्रॉपर्टी पर कब्जे के मामले दर्ज हैं. खुद अली पर भी तीन अपराधिक मामले दर्ज हैं. हाल ही में याचिकाकर्ता का नाम दिनदहाड़े और दुस्साहसिक तरीके से हुए उमेश पाल हत्याकांड में भी सामने आया है जो बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड में प्रमुख गवाह है.
इस हत्याकांड में राजू पाल के अलावा तीन अन्य लोग भी मारे गए थे, ऐसे में याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करना ठीक नहीं होगा. गौरतलब है कि अली अहमद के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज हैं. उसके खिलाफ पहली एफआईआर अतीक अहमद के रिश्तेदार जीशान अहमद ने 31 सितंबर 2021 को करेली थाने में दर्ज करायी थी. 5 करोड़ की रंगदारी और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
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