मेरठ जिले के खिर्वा पुलिस चौकी इंचार्ज असलम हुसैन का नाम देखकर कांवड़ियों ने हंगामा शुरू कर दिया था। अखबार की फोटो ट्वीट करते अब AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रदेश की योगी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, ‘अगर इन (कांवडियों) पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोडिए।’
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार 26 जुलाई को अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कुछ अखबारों की फोटो शेयर की है। फोटो शेयर करते हुए ओवैसी ने लिखा, ‘पुलिस ने पंखुड़ियां बौछार कीं, कांवड़ियों का झंडों से “इस्तक़बाल” किया, उनके पैरों पर लोशन लगाया और उनके साथ इंतेहाई शफ़क़त से पेश आए। दिल्ली पुलिस ने लोहारों को हटाने की बात की, ताकि कांवड़िया नाराज़ न हो जाएं। उ.प्र हुकूमत ने यात्रा के रास्तों पर गोश्त पर पाबंदी लगा दी।’
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, ‘यह ‘रेवड़ी कल्चर’ नहीं है? मुसलमान, खुली जगह पर चंद मिनट के लिए के नमाज़ भी अदा करे तो “बवाल” हो जाता है। मुसलमानों को सिर्फ मुसलमान होने की वजह से पुलिस की गोलियों, हिरासती तशद्दुद, NSA, UAPA, लिंचिंग, बुल्डोज़र और तोड़-फोड़ का सामना करना पड़ रहा है।’
इतना ही नहीं, उन्होंने तीसरे ट्वीट में लिखा, ‘कांवड़ियों के जज़्बात इतने मुतज़लज़ल हैं कि वे किसी मुसलमान पुलिस अहलकार का नाम भी बर्दाश्त नहीं कर सकते। यह भेद-भाव क्यों? यकसानियत नहीं होनी चाहिए? एक से नफ़रत और दूसरों से मोहब्बत क्यों? एक मज़हब के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट और दूसरे के लिए बुलडोज़र क्यों?’ असदुद्दीन ओवैसी ने अपने चौथे ट्वीट में लिखा, ‘अगर इन पर फूल बरसा रहे हैं, तो कम से कम हमारे घर तो मत तोडिए।’