आतंकियों की पैरवी करने वाले जमीयत-उलमा-ए-हिंद संगठन का नेटवर्क उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत अन्य 23 जिलों में फैल चुका है। यह खुलासा यूपी एटीएस टीम की ओर से पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में हुई है। ‘जमीयत-उलमा-ए-हिंद’ के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल रब आजमी और प्रदेश महासचिव मौलाना मोहम्मद मदनी संगठन की साख बढ़ाने में पूरी तरह से सक्रिय हैं।
जमीयत-उलमा-ए-हिंद संगठन ने की आतंकियों की पैरवी
‘जमीयत-उलमा-ए-हिंद’ की उत्तर प्रदेश सक्रियता बढ़ी है तो इसके कार्यालयों के खुलने का सिलसिला भी शुरु हो गया है। प्रदेश में खुलने वाले कार्यालयों के बाहर जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश का बोर्ड लगाया जा रहा है। जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश अर्थात यह प्रदेश स्तरीय इकाई का नाम है। लखनऊ के कैसरबाग बस अड्डे के निकट ही जगत नारायण रोड पर इसका कार्यालय खोला गया है।
आंतकियों की पैरवी करने वाले इस संगठन ने उत्तर प्रदेश में आगरा, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, कानपुर, मेरठ, कानपुर देहात, सहारनपुर, हमीरपुर, बांदा, शाहजहांपुर, बिजनौर, एटा, ज्योतिबाफुले नगर, कन्नौज, हाथरस, अलीगढ़, गाजियाबाद, आजमगढ़, मथुरा, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, हरदोई और वाराणसी में अपने सक्रिय सदस्य बना लिये हैं।
प्रदेश में सक्रिय जमीयत-उलमा-ए-हिंद की जिलेवार इकाईयों में बिजनौर, आजमगढ़, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, प्रतापगढ़ और वाराणसी की सबसे ज्यादा सक्रिय है। ये इकाईयां मुस्लिम कम्युनिटी के विकास के लिये शिक्षा, सामाजिक भागीदारी व अधिकार, धार्मिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर मासिक बैठकें करती रहती है।
जमीयत-उलमा-ए-हिंद का नाम एक बार फिर से चर्चा में आया, जब लखनऊ में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाये जाने पर गिरफ्तार हो चुके दो आतंकियों के लिये संगठन ने कानूनी लड़ाई लड़ने की बात की। जमीयत-उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मीडिया के सामने आकर यूपी एटीएस के बड़े ऑपरेशन में गिरफ्तार दो लोगों को निर्दोष बता डाला। मदनी ने कानूनी संघर्ष कर दोनों को छुड़ाने की बात कही।
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बता दें कि यूपी एटीएस ने मसरुद्दीन और मिनहाज अहमद को गिरफ्तार किया। दोनों के तार अलकायदा आतंकी संगठन से जुड़ा बताया गया है। एटीएस की पूछताछ में दोनों के लखनऊ में कई स्थानों पर विस्फोट कर दहलाने की साजिश का पता चला है।