कांग्रेस को अपने ही गढ़ में लगा तगड़ा झटका, स्मृति ईरानी ने छीन लिया सोनिया गांधी का पद

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बचे एकमात्र गढ़ रायबरेली में सोनिया गांधी को बड़ा झटका लगा है। रायबरेली में सोनिया गांधी की जगह अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ले ली है। इसे सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में बीजेपी की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। जिसका कांग्रेस के नेताओं ने कड़ा विरोध किया है।

स्मृति ईरानी को बनाया गया अध्यक्ष  

दरअसल, जिला निगरानी एवं अनुश्रवण समिति(दिशा) की 2021 की अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी की जगह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को तरजीह देते हुए अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि सह अध्यक्ष के रूप में रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी को मनोनीत किया गया है।

उल्लेखनीय है कि दिशा जिलास्तर पर जनप्रतिनिधियों की एक समिति होती है जो जिलास्तर पर विकास की योजनाओं को तय करती है। इसे बेहद महत्वपूर्ण समिति माना जाता है। ऐसे में सोनिया गांधी की जगह स्मृति ईरानी को अध्यक्ष बनाना एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। इससे अमेठी के बाद रायबरेली में भी स्मृति ईरानी की बढ़ती सक्रियता जाहिर होती है।

हालांकि परियोजना निदेशक(डीआरडीए) प्रेमचन्द्र का कहना है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र का कई हिस्सा रायबरेली जिले में आता है, इससे उन्हें अध्यक्ष और सांसद सोनिया गांधी को सह अध्यक्ष बनाया गया है। इसका मनोनयन ग्रामीण विकास मंत्रालय से होता है जिसका पत्र आ गया है।

इसके पहले 2018 में दिशा का गठन किया गया था जिसमें सोनिया गांधी को अध्यक्ष और राहुल गांधी को सह अध्यक्ष बनाया गया था। सरकार के इस कदम का कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है।

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कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता विनय द्विवेदी का कहना है कि यह ओछी राजनीति का एक और प्रमाण है, रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी हैं, इसलिए नियमानुसार उन्हें ही अध्यक्ष बनाया जाना चाहिये। बावजूद ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया है। इसे जनता के सामने ले जाया जायेगा।