इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, पुलिस से झड़प भी हुई

इजरायल की राजधानी तेल अवीव में सोमवार, 29 अप्रैल की रात हजारों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और नेतन्याहू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सरकार से मांग कर रहे थे कि 7 अक्टूबर के हमले के बाद बंधक बनाकर गाजा ले जाए लोगों की रिहाई के लिए हमास के साथ बातचीत की जाए। प्रदर्शन में शामिल लोगों की पुलिस से झड़प भी हुई। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।

दरअसल इजरायली वायु सेना दक्षिणी गाजा के शहर राफा में हवाई हमला कर रही है। इजरायल यहां जमीनी अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहा है। राफा में इस समय दस लाख से अधिक लोग महीनों से चल रही जंग के बीच शरण लिए हुए हैं। माना जाता है कि हमास ने बंधकों को भी राफा में ही रखा हुआ है। यही कारण है कि बंधकों के परिजनों को उनकी जान का खतरा नजर आ रहा है।

राफा में संभावित सैन्य कार्रवाई को देखते हुए प्रदर्शनकारियों ने आईडीएफ मुख्यालय के पास प्रदर्शन किया और आगजनी भी की। इसमें बंदियों को मुक्त करने की तात्कालिकता पर जोर दिया गया। इससे पहले जब नवंबर में संघर्ष विराम हुआ था तो कुछ बंधक रिहा किए गए थे। प्रदर्शन में नवंबर के संघर्ष विराम में रिहा किए गए लोगों के रिश्तेदार भी शामिल थे। प्रदर्शनकारी अपने प्रियजनों की वापसी को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष को समाप्त करने के लिए दबाव डाल रहे थे।

बता दें कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर बंधकों को मुक्त कराने के लिए गाजा में युद्ध विराम के लिए समझौता करने का दबाव बढ़ रहा है। राफा में 10 लाख से अधिक फलस्तीनियों ने शरण ली है और दुनिया भर के देशों ने इजरायल के आक्रमण की इस योजना को लेकर चिंता व्यक्त की है। अमेरिका ने भी मानवीय आधार पर हमले का विरोध किया है जिसके कारण सहयोगी देशों-अमेरिका एवं इजराइल के संबंधों में तनाव पैदा हो गया है।

युद्ध 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले के कारण शुरू हुआ था जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 253 बंधक बनाए गए थे। इजरायल ने गाजा को नियंत्रित करने वाले हमास को खत्म करने की कसम खाई है। इस युद्ध के कारण 20 लाख से ज्यादा की आबादी विस्थापित हो चुकी है। 34,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।