अमेरिका ने इसलिए समाप्त किया हांगकांग का विशेष दर्जा

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक आदेश जारी कर हांगकांग को वरीयता देने वाले विशेष दर्जे को समाप्त करने की घोषणा की है। ट्रम्प ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए कहा, “ हांगकांग से अब वैसा ही व्यवहार किया जायेगा जैसा चीन के साथ किया जाता है।”

ट्रम्प ने यह आदेश ऐसे समय में जारी किया है जब अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। हांगकांग में चीन की ओर से लागू किए गए नये विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के बाद से ही ट्रम्प प्रशासन का रुख चीन के प्रति लगातार सख्त होता जा रहा है।

इससे पहले इस माह की शुरुआत में अमेरिका ने हांगकांग को रक्षा उपकरणों तथा संवेदनशील प्रौद्योगिकी के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा की थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने हांगकांग स्वायत्तता कानून नामक एक अन्य आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इस कानून के तहत अमेरिका हांगकांग में लोगों के अधिकारों का हनन करने वाले चीनी अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। दरअसल, ब्रिटेन का उपनिवेश रहे हांगकांग के लोगों के पास चीन में रहने वाले लोगों की अपेक्षा ज्यादा अधिकार और स्वतंत्रता है।

चीन ने हांगकांग में एक विवादास्पद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है। हांगकांग के लोगों के अलावा दुनिया के कई विश्लेषकों का मानना है कि इस कानून से हांगकांग की स्वायत्तता और नागरिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा।

इसके अलावा चीन और ब्रिटेन के बीच 1984 में हुए समझौते के तहत हांगकांग को प्राप्त विशेष दर्जा भी खत्म हो जायेगा। हांगकांग के अलावा अमेरिका और कई यूरोपीय देशों में इस कानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।

गौरतलब है कि 1997 में ब्रिटेन ने हांगकांग को चीन को सौंप दिया था, लेकिन एक विशेष समझौते के तहत 50 वर्षों के लिए कुछ अधिकारों की गारंटी भी दी गयी थी। एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के रूप में, हांगकांग ‘वन कंट्री, टू सिस्टम्स ’के सिद्धांत के तहत चीन के शासन से अलग शासन और आर्थिक प्रणालियों को बनाए रखता है।