लखनऊ। अखिल भारत हिंदू महासभा ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के विधायक अख्तरुल इमान द्वारा बिहार विधानसभा में शपथ के दौरान हिंदुस्तान शब्द पर आपत्ति किए जाने को भारत पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान गांधी नेहरू की अपनाई गई दोहरी नीतियों का नतीजा बताया है।
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यदि बंटवारे के समय ही पाकिस्तान के इस्लामिक राश्ट्र की तरह भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दिया जाता तो आज यह स्थिति पैदा नहीं होती। हिन्दू महासभा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने साफ शब्दों में कहा कि गांधी नेहरू की नीतियों ने जहां पाकिस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाया। वहीं शेष भारत को धर्मनिरपेक्षता की आग में झोंक दिया, जिसका परिणाम बिहार विधानसभा में हिंदुस्तान शब्द पर आपत्ति के रूप में सामने आया है।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि हिंदुस्तान शब्द पर आपत्ति कोई छोटा मामला नहीं है एक तरह से भारत को एक बार फिर बंटवारे की ओर ले जाने का संकेत दिया है, जिसे हिन्दू महासभा कतई पूरा होने नहीं देगी।
हिन्दू महासभा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने एआईएमआईएम विधायक के इस कृत्य पर चुप्पी साधने वाले नेताओं पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुये कहा है कि ऐसे लोग विधायक के कृत्य का समर्थन दे रहे है और वोट बैंक की खातिर देष को खाई को धकेलने का काम कर रहे है और दिखावे के लिये हिंदुस्तान की राजनीति में अहम योगदान देने का दावा करते हैं और राष्ट्रवादी होने का प्रमाण देते घूमते हैं।