PM मोदी की अध्यक्षता में सीईसी की बैठक में हरियाणा की सभी 90 सीटों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने गुरुवार को नई दिल्ली में आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर मंथन किया। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्रीय चुनाव समिति यानी कि CEC के अन्य सदस्य शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण बैठक में हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और सह-प्रभारी बिप्लव देब, प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बडौली और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।

नड्डा के आवास पर हुई थी कोर ग्रुप की बैठक
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में हरियाणा की सभी 90 सीटों पर चर्चा हुई और 55 सीटों पर नाम भी तय किए जा चुके हैं। बता दें कि इससे पहले नड्डा के आवास पर कोर ग्रुप की बैठक हुई थी, जिसमें शाह के अलावा धर्मेंद्र प्रधान, मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री सैनी और बडौली भी शामिल थे। प्रधान ने अपने आवास पर हरियाणा बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक की। बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि पार्टी की केंद्रीय टीम को राज्य के राजनीतिक परिदृश्य से अवगत कराया गया।

लोकसभा चुनावों में BJP को लगा था झटका
अनिल विज ने कहा, ‘हमारी पार्टी एक लोकतांत्रिक पार्टी है। अब केंद्रीय चुनाव समिति (विधानसभा चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों पर) अंतिम फैसला करेगी।’ बता दें कि हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। मतगणना 4 अक्टूबर को होगी। हरियाणा में वर्तमान में बीजेपी की सरकार है। उसकी चुनौती राज्य में अपनी सत्ता को बरकरार रखना है। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में राज्य में विपक्षी मतों के एकजुट होने से बीजेपी की सीट संख्या घटकर 5 रह गई तथा शेष सीट कांग्रेस के खाते में चली गईं।

2019 के चुनाव में 40 सीटें जीती थी BJP
बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में सभी 10 सीट पर जीत हासिल की थी। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा 40 सीटें मिली थीं जबकि कांग्रेस 31 सीट जीतकर मुख्य विपक्षी पार्टी बनी थी। जननायक जनता पार्टी यानी कि JJP 10 सीटें जीतने में सफल रही थी। 7 सीटें निर्दलीय को, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को एक और हरियाणा लोकहित पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी। बाद में बीजेपी ने JJP के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी।

बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर की उम्मीद
चुनावों के बाद मनोहर लाल खट्टर फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने थे जबकि JJP के दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने। हालांकि लोकसभा चुनाव में सीट साझेदारी को लेकर असहमति के बाद यह गठबंधन टूट गया। बाद में बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों के समर्थन के दम पर अपनी सरकार बचा ली। कुछ दिनों के बाद बीजेपी ने खट्टर को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंपी। अब इन चुनावों में बीजेपी अकेले अपने दम पर मैदान में है और माना जा रहा है कि कांग्रेस के साथ उसकी कड़ी टक्कर होगी।