अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पूरी दुनिया की नजर वहां के हालात पर टिकी है। भारत समेत अन्य देश अपने-अपने नागरिकों को बाहर निकालने की कोशिश में हैं। भारत ने बीते दिनों भी कुछ लोगों को बाहर निकाला था और आज भी यह मिशन जारी रहेगा। काबुल में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वायुसेना का कार्गो विमान सोमवार को काबुल भेजा गया था जो मंगलवार सुबह गुजरात के जामनगर एयरबेस पर 120 यात्रियों को लेकर वापस आ गया है।
काबुल शहर में लगा है कर्फ्यू
अफगानिस्तान में तालिबानी राज स्थापित होने के बाद लोग अपना मुल्क छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। बड़ी संख्या में काबुल एयरपोर्ट पर लोगों को हुजूम है जो देश छोड़ना चाहता है। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बीती रात अपने राष्ट्र के सन्देश में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना वापस बुलाने के फैसले को सही ठहराया है। भारत भी अपने नागरिकों को बाहर निकालने की लगातार कोशिश कर रहा है।
काबुल में फंसे भारतीयों को रविवार को अफगानिस्तान के इंडियन कम्पाउंड में शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन उसी रात तालिबान ने काबुल शहर में कर्फ्यू लगा दिया। तालिबान का काबुल पर कब्जा होने के बाद लूटपाट और भगदड़ की घटनाओं को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगाने के बाद सड़कों पर हर तरह की आवाजाही बंद कर दी गई।
अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालने से लेकर पूरे हालात पर भारत रणनीति तैयार कर रहा है। भारत ने अफगानिस्तान में मौजूद हिन्दू और सिखों को लेकर चिंता जताई है। भारत ने रविवार को भी अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया का एक विशेष विमान ए-320 एआई-224 काबुल भेजा था। यह फ्लाइट देर रात को काबुल से 129 यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंची थी।
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काबुल में भारत के करीब 500 से अधिक लोग फंसे हुए हैं जिसमें करीब 300-400 आईटीबीपी के जवान भी हैं। इन सभी को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना ने सोमवार को कार्गो विमान सी-17 ग्लोबमास्टर काबुल भेजा था। अफगानिस्तान में इंडियन मिशन काबुल एयरपोर्ट से लगभग 20-25 मिनट की दूरी पर है। भारत का विमान सुबह काबुल एयरपोर्ट पर लैंड कर गया लेकिन कर्फ्यू की वजह से भारतीयों को इंडियन मिशन से काबुल एयरपोर्ट तक लाने में दिक्कत हुई।