बंगाल में महसूस हुई किसान आंदोलन की तपिश, ममता ने मोदी सरकार को दी सलाह

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले सूबे की सियासत में दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन की तपिश महसूस हो रही है। इसी क्रम में अब इस किसान आंदोलन की जनक तीनों कृषि क़ानून का मुद्दा पश्चिम बंगाल विधानसभा तक पहुंच गया है। दरअसल, सूबे की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा में कृषि कानूनों के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार को सलाह भी दी है।

ममता बनर्जी ने मोदी सरकार को दी सलाह

मुख्यमंत्री और तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि केन्द्र को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और तानाशाही कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए। उन्होंने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले दिल्ली संभालें फिर बंगाल के बारे में सोचें।

ममता बनर्जी ने कहा कि दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए केंद्र के असंवेदनशील रवैये, किसानों के प्रति उदासीनता को दोषी ठहराया जाना चाहिए। हम किसानों को गद्दार के तौर पर पेश किये जाने को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने विधानसभा में कहा कि कृषि कानूनों की वापसी को लेकर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।

आपको बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन दिल्ली की सीमा पर आज 64वें दिन जारी है। इसी आंदोलन के तहत गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जमकर हिंसक घटनाएं देखने को मिली थी। दिल्ली के कई क्षेत्रों में हुई इन हिंसक घटनाओं में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।

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इस मामले में दिल्ली पुलिस सख्त कार्रवाई करती नजर आ रही है। पुलिस ने इस हिंसा के बाद 37 किसान नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही क्राइम ब्रांच की एक एसआईटी गठित करने पर विचार चल रहा है।