अयोध्या की मस्जिद पर ओवैसी ने दिया विवादित बयान, खफा हुए कई मुस्लिम धर्मगुरु

भले ही अयोध्या का राम मंदिर-बाबरी मस्जिद का विवादित मामला अब सुलझ गया हो लेकिन अभी भी कई सियासी दिग्गज इस मामले को लेकर विवादित बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक विवादित बयान इस बार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या में बन रही मस्जिद को लेकर दिया है।

ओवैसी ने मुसलमानों की बड़ी अपील

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि अगर कोई अयोध्या की मस्जिद में नमाज पढ़ता है तो वह ‘हराम’ मानी जाएगी। हालांकि, ओवैसी का यह बयान मस्जिद ट्रस्ट के सचिव और इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के अतहर हुसैन समेत कई मुस्लिम धर्मगुरुओं को बिल्कुल भी रास नहीं आई है और उन्होंने इसपर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

असदुद्दीन ओवैसी ने यह बयान दक्षिण राज्य कर्नाटक के बीदर इलाके में ‘सेव कॉन्स्टिटूशन सेव इंडिया के कार्यक्रम’ को संबोधित करते हुए दिया। इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि अयोध्या  के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। इसलिए उसे मस्जिद नहीं कहा जा सकता। इतना नहीं नहीं ओवैसी ने यह भी कहा कि मस्जिद के निर्माण के लिए डोनेशन देना और वहां नमाज पढ़ना दोनों ही ‘हराम’ हैं।

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ओवैसी ने आगे कहा कि मुनाफ़िक़ों की जमात जो बाबरी मस्जिद के बदले पांच एकड़ ज़मीन पर मस्जिद बनवा रहे हैं, वो मस्जिद नहीं बल्कि ‘मस्जिद-ए-ज़ीरार’ है। अयोध्या की मस्जिद को चंदा देना हराम है। कोई वहां चंदा न दें। अगर चंदा देना है तो बीदर में किसी अनाथ को चंदा दे दें।

इस दौरान ओवैसी ने लव जिहाद का मामला उठाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, बाबासाहेब अंबेडकर और मौलाना आजाद के देश में लव जिहाद पर कानून पारित किया गया। क़ानून के विपरीत कानून बनाकर संविधान को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।

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बता दें कि पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को सरकार अयोध्या में कहीं पांच एकड़ जमीन दे दे। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धनीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन दे दी थी, जिसपर अब मस्जिद का निर्माण किया जा रहा है।