अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी है, बल्कि उन्हें हाई कोर्ट में पहले अपील करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट को बाईपास करके मेरे पास कैसे आ गए डायरेक्ट, तो जाओ… पहले हाई कोर्ट में फरियाद करो. मामला न जमे या हाई कोर्ट कुछ कह दे, जिससे संतुष्टि न मिले, तब हमारे पास आना. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से भी बातचीत करने के लिए कहा है, लेकिन अब्दुल्ला आजम को नहीं, बल्कि इलाहाबाद हाई कोर्ट को. अब ये पूरा मामला अगर आप वाकई जानना चाहते हैं, तो आइए हम बताते हैं कि अब्दुल्ला आजम का पूरा मामला…

कौन हैं अब्दुल्ला आजम?
अब्दुल्ला आजम सजायाफ्ता पूर्व विधायक हैं. अभी सही से विधायकी की उम्र भी नहीं हुई थी, लेकिन बन गए थे. दरअसल, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता थे आजम खान. अब नेताई तो कर सकते हैं, लेकिन चुनाव नहीं लड़ सकते. जब नेता गिरी कर सकते थे, तब बेटे के कागजात में फेरबदल करके समय से पहले ही उसे विधायक बनवा दिया. ये आरोप सामने आए. जांच हुई. खुद तो कई मामले में जेल गए, बेटे को भी जेल जाना पड़ा. खुद की बड़बोलेपन में विधायकी गई, बेटा भी बाप के साथ ही लड़ाई झगड़े में फंस गया. बाप के साथ दो साल की जेल की सजा मिल गई. सारी नेतागिरी धरी की धरी रह गई. विधायकी भी चली गई.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
विधायकी जाने के बाद अब्दुल्ला आजम कुछ समय तक शांत थे. लेकिन सीधे पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि पहले हमसे छोटे वाले साहब के पास जाओ. फिर इधर आना. इस मामले में 10 अप्रैल तक का समय सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है. हाई कोर्ट से भी कह दिया है कि अब्दुल्ला की सुनवाई कर ली जाए. साथ ही उनकी सीट पर उप-चुनाव की क्या स्थिति है, इसे चुनाव आयोग के साथ मिलकर जांच लें.
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पहले भी गई थी विधायकी, लेकिन वापस मिल गई थी
दरअसल, 15 साल पुराना मामला हंगामा काटने का था. 29 जनवरी 2008 के मामले में अब्दुल्ला को 2 साल की जेल की सजा मिली है. जिसके बाद स्वार सीट से उनकी विधायकी रद्द हो गई. दो दिन बाद ही यूपी विधानसभा ने भी विधायकी जाने पर मुहर लगा दी. अब उसी को बदलवाना चाहते हैं अब्दुल्ला. दरअसल, अब्दुल्ला आजम ऐसे पहले नेता हैं, जिनकी विधायकी दो दो बार सजा के चक्कर में गई है. एफडेविट फर्जी पाया गया था, तो साल 2019 में विधायकी चली गई थी. अब 13 फरवरी को मारपीट के मामले में सजा मिलने के बाद फिर से विधायकी गई है. बाकी देखते हैं, क्या ही हो सकता है इस मामले पर…
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