यूपी के बुजुर्गों को बड़ी राहत: 60 साल पूरे होते ही अपने आप खाते में आएगी वृद्धावस्था पेंशन, नहीं लगाने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों के लिए सरकार ने बड़ी राहत देने वाला फैसला किया है। अब वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र लोगों को आवेदन या दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। नई व्यवस्था के तहत ‘एक परिवार एक पहचान’ फैमिली आईडी प्रणाली से पात्र लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन स्वतः किया जाएगा। जैसे ही कोई व्यक्ति 60 वर्ष की आयु पूरी करेगा, उसकी वृद्धावस्था पेंशन सीधे बैंक खाते में आना शुरू हो जाएगी।

समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्धावस्था पेंशन योजना वर्ष 2025 में और अधिक प्रभावी हुई है। बीते आठ महीनों में प्रदेश भर में 9.83 लाख नए पात्र वृद्धजनों को इस योजना से जोड़ा गया है। इसके साथ ही प्रदेश में कुल पेंशन लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 67.50 लाख तक पहुंच गई है।

राज्य मंत्री ने बताया कि डिजिटल मॉनिटरिंग, आधार आधारित सत्यापन और नियमित निगरानी के जरिए पेंशन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया गया है। सरकार की प्राथमिकता है कि वृद्धावस्था पेंशन का लाभ सही पात्र व्यक्ति तक समय पर पहुंचे और किसी भी बुजुर्ग को भटकना न पड़े।

नियमित सत्यापन से बढ़ी पारदर्शिता
योजना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नियमित सत्यापन और समीक्षा की जा रही है। इसके तहत वर्ष 2024 में 1.77 लाख और वर्ष 2025 में 3.32 लाख मृतक और अपात्र लाभार्थियों के नाम पेंशन सूची से हटाए गए हैं, ताकि वास्तविक और पात्र वृद्धजनों को ही योजना का लाभ मिल सके।

पात्र वृद्धजनों को प्राथमिकता
समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक अमरजीत सिंह ने बताया कि विभाग का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र वृद्धजन पेंशन लाभ से वंचित न रहे। इसी दिशा में वर्ष 2025 में 9.83 लाख नए पात्र वृद्धजनों को योजना में शामिल किया गया है, जबकि वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 7.08 लाख था।

दशमोत्तर छात्रवृत्ति से वंचित छात्रों को भी राहत
इससे पहले समाज कल्याण विभाग ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के तहत संचालित दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में भी बड़ी राहत दी है। समय पर मास्टर डाटा लॉक न हो पाने से वंचित रह गए पात्र छात्र-छात्राओं को दोबारा मौका देने के लिए संशोधित समय-सारिणी जारी की गई है। यह व्यवस्था सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों पर लागू होगी।

राज्य मंत्री असीम अरुण ने कहा कि संशोधित कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रवृत्ति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, त्रुटिरहित और समयबद्ध बनाना है, ताकि कोई भी पात्र छात्र योजना के लाभ से वंचित न रह जाए।

 

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