नई दिल्ली:- बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने मानवता के विरुद्ध अपराध से जुड़े तीन मामलों में दोषी करार देते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई है। दूसरे मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा भी दी गई है।
ढाका सहित तीन स्थानों पर हुई छह हत्याओं के मामलों में यह सजा सुनाई गई। फैसला सुनाए जाते ही अदालत कक्ष में मौजूद हसीना समर्थकों में रोष और भावनात्मक माहौल देखने को मिला। ICT ने इस मामले में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी मौत की सजा दी है, जबकि पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोप में पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है।
फैसले पर शेख हसीना की पहली प्रतिक्रिया सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद जारी अपने बयान में शेख हसीना ने फैसले को “पक्षपातपूर्ण”, “राजनीतिक रूप से प्रेरित” और “पूर्णतः बदले की कार्रवाई” करार दिया। उन्होंने कहा कि ICT के पास इस तरह का फैसला सुनाने का लोकतांत्रिक अधिकार नहीं है। उनकी टिप्पणी के अनुसार, यह ट्रिब्यूनल एक ऐसी अंतरिम सरकार चला रही है जिसका कोई जनादेश नहीं है, और इसके निर्णय स्पष्ट रूप से राजनीतिक उद्देश्यों से संचालित हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. यूनुस उनके खिलाफ बदले की राजनीति कर रहे हैं। हसीना ने कहा, “यह मृत्युदंड का फैसला अंतरिम शासन के भीतर मौजूद चरमपंथी तत्वों के खतरनाक इरादों को सामने लाता है।” उन्होंने अपनी पूर्व सरकार के मानवाधिकार और विकास कार्यों पर गर्व जताया।
ढाका में सुरक्षा कड़ी फैसले के बाद ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण परिसर के बाहर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। साथ ही, राजधानी में तनावपूर्ण माहौल देखा जा रहा है। शेख मुजीबुर रहमान के घर के बाहर तनाव शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित निवास के बाहर भी तनाव बढ़ गया। यहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने अदालत के फैसले से पहले ही हसीना को मृत्युदंड देने की मांग की और मुजीबुर रहमान के घर को ध्वस्त करने की धमकी दी।
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