संसद में जारी शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों में सत्ताधारी एनडीए सरकार और विपक्ष के बीच सोनिया-सोरोस संबंध बनाम मोदी-अडानी संबंध की जंग देखने को मिल रही है। अभी तक जहां कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष लगातार मोदी-अडानी संबंध का राग अलापते हुए संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह हंगामा करते नजर आ रहा था। वहीं अब मोदी सरकार ने सोनिया-सोरोस संबंध का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है।
दरअसल, संसद के दोनों सदनों में मोदी सरकार ने सोनिया-सोरोस संबंध पर चर्चा की मांग की। इसकी वजह से संसद में जमकर हंगामा देखने को मिला। अतंतः दोनों सदन कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया।
संसद में हो रहे हंगामे के बीच राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरूवार को सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी, जबकि निचले सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
सोनिया-सोरोस संबंध आरोप पर सरकार बनाम विपक्ष
सदन के नेता और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि देश को कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के बीच संबंध जानने का हक है, जिन पर नरेंद्र मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए भारत विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप है। उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि सोनिया गांधी का सोरोस के साथ क्या रिश्ता है।
भाजपा अध्यक्ष ने सदन में आरोप लगाया कि जो सोरोस इस देश को अस्थिर करने के लिए अरबों डॉलर दान करते हैं, कांग्रेस उनकी कठपुतली बन जाती है और उनकी आवाज उठाकर देश को अस्थिर करती है। इसकी निंदा की जानी चाहिए।
जैसे ही सभापति ने विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को जवाब देने की अनुमति दी, सदन में अराजकता फैल गई। खड़गे ने शोरगुल के बीच कहा कि भाजपा मुद्दे को भटकाना चाहते हैं। हंगामा जारी रहने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
धनखड़ पर महाभियोग की कोशिश को लेकर नड्डा ने खड़गे की आलोचना की
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने धनखड़ के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए भी खड़गे की आलोचना की, जिनके खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के निर्णय, जिनमें स्वीकार्यता से संबंधित निर्णय भी शामिल हैं, सवालों से परे हैं। अध्यक्ष के निर्णयों की आलोचना करना या उन पर सवाल उठाना सदन की अवमानना और अध्यक्ष के प्रति अनादर है।
जेपी नड्डा ने कहा कि खड़गे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सार्वजनिक रूप से अध्यक्ष की आलोचना की जो आपत्तिजनक और अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्रवाइयां गलत मिसाल कायम करती हैं और हम इसकी जितनी कड़ी निंदा करें, कम है।
सोनिया-सोरोस संबंध विवाद क्या है?
रविवार, 8 दिसंबर को भाजपा द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से है, जिसने कश्मीर को भारत से अलग करने के विचार का समर्थन किया है।
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पार्टी ने एक्स को निशाने पर लेते हुए दावा किया कि दोनों के बीच संबंध भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी संगठनों के प्रभाव को सामने लाता है।
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