उन्नाव बलात्कार मामला: हाईकोर्ट ने सुनाया ऐसा फैसला, कुलदीप सिंह सेंगर को मिल गई आंशिक राहत

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरूवार को उन्नाव बलात्कार मामले के दोषी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता कुलदीप सिंह सेंगर को दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है। कुलदीप सिंह सेंगर को यह जमानत चिकित्सा आधार पर दी गई है। सेंगर वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।

पीठ ने कहा कि मामले के इतिहास और आवेदक की चिकित्सा स्थिति पर विचार करते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि आवेदक को दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा और वह व्यापक चिकित्सा मूल्यांकन के लिए एम्स, दिल्ली में भर्ती होने का अनुरोध करेगा। पीठ में न्यायमूर्ति अमित शर्मा भी शामिल हैं।

कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत याचिका हाईकोर्ट की दूसरी बेंच के समक्ष लंबित

हाईकोर्ट ने एम्स के मेडिकल बोर्ड से रिपोर्ट मांगी है और मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को तय की है। कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भी 10 साल की जेल की सजा काट रहा है। उस मामले में अंतरिम जमानत के लिए उसकी याचिका अभी भी हाईकोर्ट की एक अन्य पीठ के समक्ष लंबित है।

ट्रायल कोर्ट ने सुनाई है आजीवन कारावास की सजा

कुलदीप सिंह सेंगर ने इस आधार पर अंतरिम ज़मानत मांगी थी कि वह मोतियाबिंद जैसी कई बीमारियों से पीड़ित है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की ज़रूरत है। पीड़िता के वकील के साथ-साथ केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी इस याचिका का विरोध किया था।

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मुख्य उन्नाव बलात्कार मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सेंगर की अपील हाईकोर्ट में लंबित है। उन्होंने दिसंबर 2019 के ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसमें उन्हें शेष जीवन के लिए कारावास की सजा सुनाई गई थी।