मानसून के मौसम में बेशक आपको गर्मी से राहत मिलती है। इस मौसम में चारों हर तरफ हरियाली छा जाती है। लेकिन इस मौसम में लोगों को कई बीमारियों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में आवश्यक होता है कि आप प्रोपर अपनी हेल्थ का ध्यान रखें और सही रूटीन फॉलो करें।
अक्सर बरसात के मौसम में कई प्रकार के संक्रमण, एलर्जी जैसी समस्याओं से बचने के लिए लोग अलग-अलग तरीके भी अपनाते हैं। इस मौसम में एक संक्रमण का खतरा यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का होता है। आज हम आपको बताएँगे कि आखिरकार UTI की समस्या को इस मौसम में बढ़ क्यों बढ़ जाती है। और साथ ही आप किस प्रकार अपना हाइजीन मेंटेन करके इस संक्रमण से बच सकते हैं।
क्या है UTI ?
UTI को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहते हैं। ये एक ऐसा संक्रमण है जो यूरिनरी ट्रैक के किसी भी हिस्से में दिक्कत पैदा कर सकता है। इसमें ब्लैडर, यूरेथ्रा, किडनी और यूटेरस आदि शामिल हैं। जब किसी के यूरिनरी ट्रैक में बैक्टीरिया घुस जाता है, तब उसे UTI की समस्या पैदा होने लगती है। UTI की समस्या महिलाओं में ज्यादा होती है, वहीं पुरुषों में UTI का खतरा कम होता है।
बरसात के मौसम में कैसे बचे UTI की समस्या से :
- ज्यादा मात्रा में पानी पिएं
मानसून के मौसम में बहुत से लोग पानी कम मात्रा में पीने लगते हैं। UTI से बचने के लिए आपको अपने रोजाना रूटीन में ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। साथ ही आप मानसून के मौसम में तले पदार्थ सेवन न करें। अधिक पानी पीने से यूरिनरी ट्रैक शरीर से सभी बैक्टीरिया को बाहर निकाल देता है। ऐसे मौसम में आप अपने शरीर को हाइड्रेटेड ज़रूर रखें। - एसिडिक फूड्स अवॉइड करें
अक्सर बहुत से लोगों को बरसात के मौसम में चाय या कॉफी पीने की अधिक ज्यादा इच्छा होती है, लेकिन इस मौसम में आपको चाय, कॉफी और सोडा जैसे एसिडिक फूड्स का सेवन कम से काम करना चाहिए। इससे आपके ब्लैडर में जलन हो सकती है, जिससे आपके शरीर में UTI का खतरा बढ़ सकता है। - खुद को रखें सफाई से
बाथरूम जाने के बाद, हमेशा अपने प्राइवेट पार्ट की ठीक तरह से सफाई करें ताकि रेक्टम से बैक्टीरिया वजाइना या यूरेथ्रा में प्रवेश न कर सकें। साथ ही आप जब भी बरसात के मौसम में बाहर से अपने घरों में जाये तो नियमित रूप से अवश्य नहाये और कपड़े बदलना न भूलें। - समय समय पर टॉयलेट जाए
बहुत लोग कम पानी पीने की वजह से पर्याप्त मात्रा में यूरिन नहीं कर पाते हैं, जिससे शरीर में गंदगी पैदा होने लगती वह बाहर नहीं निकल पाती। जिससे बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक में आसानी से प्रवेश कर जाता है और शरीर में संक्रमण पैदा करने लगता है। इसलिए आपको पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए और हर 2 से 3 घंटे में टॉयलेट जाना चाहिए।