यूपी को वर्ष 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने की रणनीति पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ मंथन किया। इस दौरान हुए प्रेजन्टेशन में बताया गया कि प्रदेश के महानगरों को अलग-अलग सेक्टर्स के हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी कड़ी में लखनऊ को देश के पहले आर्टफिशल इंटेलिजेंस (AI) सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। सीएम ने कहा कि ‘वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाना हमारा मिशन है। इसके लिए कोर सेक्टर्स पर फोकस करें। इनमें कृषि, धार्मिक पर्यटन, विनिर्माण और आईटी ऐंड आईटीईएस अहम हैं।’
यूपी को कर सकते हैं ग्रीन एनर्जी के हब के तौर पर विकसित
योगी ने कहा कि ‘एनर्जी, हेल्थ, शहरी विकास, शिक्षा, फूड प्रॉसेसिंग, एमएसएमई आदि सेक्टर्स पर भी फोकस करने की आवश्यकता है। यूपी को हम ग्रीन एनर्जी के हब के तौर पर विकसित कर सकते हैं। ‘यूपी फ़ॉर यूपी, यूपी फ़ॉर इंडिया, यूपी फ़ॉर ग्लोबल’ की परिकल्पना पर काम करना है। व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा टेक्नॉलजी का उपयोग करना होगा। किसी भी प्रकार की पेंडेंसी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यूपी के पास एमएसएमई का 96 लाख यूनिट्स का बेस है। वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के लिए इसे लेकर बड़े स्तर पर योजना बनाने की आवश्यकता है।’
बंजर और अनुपजाऊ भूमि पर ही होगा निर्माण कार्य
सीएम ने कहा कि ‘जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रेशन की तर्ज पर हर प्रकार के निर्माण कार्य का रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। शहरों और गांवों में होने वाले हर निर्माण कार्य का डेटा हमारे पास होना चाहिए। पंजीकृत होने वाले निर्माण कार्यों में सुरक्षा का भी ध्यान रखें। निर्माण कार्यों के दौरान या बाद में अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसकी भरपाई के लिए बीमा की व्यवस्था हो। निर्माण कार्य बंजर और अनुपजाऊ भूमि पर ही होना चाहिए। कृषि योग्य भूमि प्रभावित नहीं होनी चाहिए। विभाग आय बढ़ाने के लिए अपने संसाधनों का पूरा उपयोग करें।’
प्रदेश में आने वाले पर्यटकों का होगा सटीक आकलन
योगी ने कहा कि ‘पीएम के विजन के अनुरूप यूपी पहला ऐसा राज्य है, जहां जिलों की भी जीडीपी जारी की गई है। विभिन्न संसाधनों से होने वाले आय-व्यय के डेटा के साथ जिलों की जीडीपी को प्रकाशित कराएं। ये डेटा विभिन्न विश्वविद्यालयों को भी स्टडी के लिए भेजा जाए। प्रदेश में पर्यटन उद्योग से लाखों लोग जुड़े हैं। इस सेक्टर में 24% से ज्यादा की वृद्धि हुई है। प्रदेश में आने वाले पर्यटकों का सटीक आकलन करें। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तर्ज पर ही ट्रेड शो का आयोजन बड़े स्तर पर होना चाहिए।’
यह भी पढ़ें: क्या होती है हाइब्रिड मोड परीक्षा, यूपी में 52 हजार कांस्टेबल पदों पर इसके जरिए कैसे होगी भर्ती
आए जानते हैं AI सिटी के फायदे–
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके लखनऊ में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम जैसी व्यवस्था लागू की गई। इससे सड़क दुर्घटना को रोका जा सकता है।
बिजली विभाग में स्मार्ट मीटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे बिजली की खपत कम करने और रियल टाइम डेटा मिल रहा है।
सड़कों को सेंसर और सीसीटीवी से लैस किया जाएगा। इससे शहर का रियल टाइम डेटा मिलेगा। आपात स्थिति में सही निर्णय लिया जा सकेगा।
हाईस्पीड इंटरनेट एक्सेस भी दिया जाएगा।