बरेली में 910 जोड़ों का सामूहिक विवाह, तैयारियाँ पूरी

बरेली में 910 जोड़ों का सामूहिक विवाह, तैयारियाँ पूरी

बरेली: सामाजिक सशक्तिकरण और गरीब एवं वंचित वर्गों के जीवन में खुशियां लाने के उद्देश्य से आयोजित होने वाला “मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह” इस बार और भी भव्य एवं सुव्यवस्थित स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। बरेली कॉलेज के विशाल प्रांगण में 27 और 28 नवंबर को होने वाले इस राज्यव्यापी आयोजन की तैयारियाँ लगातार तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के लिए फुटबॉल ग्राउंड पर एक विशाल वाटरप्रूफ पंडाल तैयार किया गया है, जिसे खूबसूरत फूलों, रंग-बिरंगे गुब्बारों और आकर्षक लाइटिंग से सजाया जा रहा है ताकि एक पारंपरिक विवाह मंडप का भव्य वातावरण बनाया जा सके। इस पंडाल में एक साथ बड़ी संख्या में होने वाले विवाहों को देखते हुए सुरक्षा और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है। इसी क्रम में इस वर्ष पहली बार वर-वधू और उनके परिजनों के प्रवेश से पहले बायोमेट्रिक फेस ऑथेंटिकेशन अनिवार्य किया गया है, जिससे सत्यापन प्रक्रिया और अधिक सटीक, पारदर्शी और सुरक्षित बनाई जा सके।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना

मुख्य विकास अधिकारी बरेली, श्रीमती देवयानी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए जिले को कुल 910 जोड़ों के सामूहिक विवाह का लक्ष्य प्राप्त हुआ है और सभी आवेदकों का चयन दो-स्तरीय सघन जांच प्रक्रिया के बाद किया गया है ताकि योजना का लाभ केवल पात्र एवं वास्तविक जरूरतमंद परिवारों तक ही पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उन परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होता है जो आर्थिक कारणों से अपनी बेटियों का विवाह करने में कठिनाई का सामना करते हैं। CDO ने जानकारी दी कि विवाह समारोह में सम्मिलित होने वाले सभी वर-वधू को विवाह उपरांत गृहस्थी की शुरुआत के लिए पच्चीस हजार रुपये मूल्य का आवश्यक घरेलू सामान—जिसमें किचन बर्तन, बिस्तर, रजाई, तकिए और अन्य उपयोगी वस्तुएं शामिल हैं—उपहार स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा विवाह के बाद प्रत्येक जोड़े के बैंक खाते में साठ हजार रुपये की धनराशि सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भेजी जाएगी, जिससे नवविवाहित दंपत्ति अपने जीवन की शुरुआत सम्मानजनक तरीके से कर सकें।

समारोह में जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे और विवाह की सभी विधियां विधि-विधान के साथ पूर्ण कराई जाएंगी। पंडाल में अलग-अलग धर्म और समुदायों के लिए वेदिक मंत्रोच्चार एवं धार्मिक रस्मों की व्यवस्था की गई है ताकि सभी वर्गों को अपनी परंपरा के अनुरूप विवाह का अवसर मिल सके। कार्यक्रम स्थल पर चिकित्सा शिविर, सुरक्षा बल, अग्निशमन वाहन, पेयजल व्यवस्था, शौचालय और पार्किंग की विशेष व्यवस्था भी की गई है, साथ ही आने वाले परिजनों के लिए बैठने और भोजन की व्यवस्था भी सुव्यवस्थित ढंग से की जा रही है। ज़िला प्रशासन का कहना है कि यह कार्यक्रम सिर्फ़ विवाह का आयोजन नहीं बल्कि समाज में समानता, सम्मान और सहयोग की भावना को मजबूत करने का एक प्रयास है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह योजना गरीब परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि इससे दहेज प्रथा और दिखावटी खर्चों जैसी सामाजिक बुराइयों पर भी रोक लगती है। समारोह में शामिल होने जा रहे कई परिवारों ने कहा कि सरकार की इस पहल ने उन्हें मानसिक और आर्थिक दोनों स्तर पर बड़ी राहत दी है और उनके लिए यह दिन जीवनभर यादगार रहेगा।

राज्य सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने पिछले कुछ वर्षों में लाखों बेटियों और परिवारों को सम्मानजनक समर्थन प्रदान किया है और समाज के कमजोर वर्गों को नई उम्मीद और आत्मविश्वास दिया है। प्रशासन का लक्ष्य इस कार्यक्रम को एक आदर्श और अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत करना है ताकि पूरे प्रदेश में सामाजिक एकता और सहयोग को नई दिशा मिल सके। अब जिले की निगाहें 27 और 28 नवंबर पर टिकी हैं, जब सैकड़ों जोड़े एक ही मंच पर वैवाहिक सूत्र में बंधकर जीवन की नई शुरुआत करेंगे और बरेली एक बार फिर सामाजिक सद्भाव और मानवता की मिसाल पेश करेगा।