भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. इसके चलते दिल्ली पुलिस ने राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी है. राज्य की सीमाओं को सील कर दिया गया है. करीब एक महीने से धरने पर बैठने पहलवानों ने शनिवार को ऐलान किया कि नई संसद के सामने एक महिला महापंचायत किया जाएगा. एक तरफ आज नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम चल रहा है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस पहलवानों, खाप पंचायत के लोग और किसानों को नई संसद भवन के आसपास नहीं आने देने की पुरजोर कोशिश में जुटे हुए हैं.
बता दें कि प्रदर्शनकारी पहलवान सात महिला पहलवानों का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने के आरोपों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. नई संसद के सामने महिला महापंचायत कराने के ऐलान के बाद दिल्ली-यूपी बॉर्डर, दिल्ली—रियाणा बॉर्डर पर पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है. सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही है. वहीं मेट्रो में भी चौकसी बढ़ाते हुए आवाजाही के केंद्रीय सचिवालय और उद्योग भवन मेट्रो स्टेशनों के सभी एंट्री-एग्जिट दरवाजे बंद कर दिये हैं. हालांकि केंद्रीय सचिवालय पर इंटरचेंज की व्यवस्था जारी है.
पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि हमें शांतिपूर्वक आगे बढ़ना है, हम बिल्कुल शांति बनाकर रखेंगे. हमारे लोगों को गिरफ्तार न किया जाए उन्हें छोड़ दिया जाए. हम रिक्वेस्ट करेंगे कि आज सारे टोल को फ्री कर दिया जाए. महिला महापंचायत के लिए जंतर-मंतर से नई संसद की तरफ कूच कर रहे पहलवानों को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया. पुलिस बसों में भरकर प्रदर्शनकारियों को अलग जगहों पर ले जा रही है.
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पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि आज महापंचायत जरूर होगी. हम अपने स्वाभिमान के लिए लड़ रहे हैं. वे आज नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं, लेकिन देश में लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. हम प्रशासन से पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए हमारे लोगों को रिहा करने की अपील करते हैं.