‘श्री महाकाल महालोक’ में अब पानी की स्क्रीन पर ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के प्राकट्य और उज्जयिनी की गौरव गाथा दिखाएंगे। लाइट एंड साउंड शो के रूप में नजारा कैसा होगा, क्या कहानी होगी, इसे लेकर दिल्ली, मुंबई और गुजरात की कंपनियों ने मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड को सुझाव दिए हैं। बोर्ड ने सभी सुझावों की समीक्षा कर 32 करोड़ रुपये की विस्तृत कार्य योजना (डीपीआर) बनवाना शुरू किया है। दावा है कि डीपीआर को स्वीकृति मिलते ही धरातल पर काम कराने को ठेकेदार फर्म का चयन किया जाएगा।
बता दें कि उज्जैन में पर्यटन बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश की सरकार ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नव विस्तारित क्षेत्र ‘श्री महाकाल महालोक’ में लगातार नए आकर्षण जोड़े जा रही हैं। प्रथम चरण में शिव और शिव भक्तों की भव्य मूर्तियों की स्थापना करने के बाद अब प्राचीन रुद्रसागर में लाइट एंड साउंड शो दिखाने की तैयारी की जा रही है। राज्य शासन की मंशा अनुरूप उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी ने सिस्टम की स्थापना और संचालन का काम मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड से कराने की व्यवस्था जमाई है।
31 जुलाई से पहले प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य
तय हुआ है कि जो भी खर्च आएगा, वह स्मार्ट सिटी कंपनी चुकाएगी। इसी कड़ी में पर्यटन बोर्ड ने लाइट एंड साउंड शो के स्वरूप और कहानी को लेकर देशभर की फर्मों से सुझाव आमंत्रित किए थे। दिल्ली की दो, मुंबई, गुजरात की एक-एक फर्म ने सुझाव दिए। सभी के सुझावों को शामिल कर डीपीआर बनाने का काम शुरू कराया गया है। बोर्ड का कहना है कि डीपीआर मंजूर होते ही धरातल पर काम करने को निविदा निकाली जाएगी। 31 जुलाई से पहले प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य है।
पानी पर होने वाले लाइट एंड साउंड शो केवल रात में होगा। इसे देखने के लिए श्रद्धालु यहां रुकेंगे और तड़के भस्म आरती में शामिल होंगे। रूद्र सागर पर 6 मीटर चौड़ा और 200 मीटर लंबा पैदल पुल बनाया जा रहा है, जहां से एक बार में 500 लोग लाइट एंड साउंड शो देख सकेंगे। रूद्रसागर के पोस्ट कालम, महाकाल महालोक की थीम पर आधारित होंगे। पुल पर भी आकर्षक लाइट लगाई जाएगी।
मृदा फेज-1 का था प्रोजेक्ट, दो वर्ष से हो रही कोशिश
रूद्र सागर में लाइट एंड साउंड शो प्रोजेक्ट धरातल पर उतारने की कोशिश बीते दो वर्षों से हो रही है। ये प्रोजेक्ट महाकाल रुद्रसागर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट एप्रोच (मृदा) फेज-1 का था। प्रोजेक्ट का स्वरूप कैसा हों, क्या कहानी हो, इसके लिए इओआइ (इनविटेशन फार एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट) अप्रैल- 2021 में आमंत्रित की गई थी। पहले रूद्रसागर की सफाई न होने से प्रोजेक्ट लंबित हुआ। उसके बाद रूद्रसागर के दूसरे हिस्से का विकास कार्य न होने से लंबित हुआ। विभागीय सूत्रों का कहना है कि रूद्रसागर के दूसरे हिस्से का काम पूरा होने पर ही लाइट एंड साउंड शो दिखाने की व्यवस्था शुरू हो पाएगी। दूसरे हिस्से का काम जुलाई- 2023 तक पूरा कराने का दावा उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी कर रही है।
यह भी जानिये
रुद्र सागर में लाइट एंड साउंड शो कराने के लिए क्षेत्र के सीवरेज सिस्टम को सुधारकर गया है। आसपास के घरों से आने वाले पानी को रुद्र सागर में मिलने से रोका गया है। रुद्र सागर का पानी हमेशा स्वच्छ रहे, इसके लिए अत्याधुनिक सिस्टम लगाकर इसमें नर्मदा, शिप्रा, गंभीर नदी का स्वच्छ पानी भरने की पाइपलाइन आधारित व्यवस्था बनाई गई है।
किनारों पर भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की 190 से अधिक विशाल मूर्तियां स्थापित की हैं। लगभग 920 मीटर लंबी और 25 फीट ऊंची दीवार बनाकर शैल चित्र बनाए गए हैं। लैंडस्कैपिंग कर भगवान शिव को प्रिय पौधे रोपे गए हैं। पार्किंग, पेयजल, शौचालय सहित अन्य जन सुविधाओं का विस्तार किया गया है। ये सारे काम श्री महाकाल महालोक योजना अंतर्गत पहले चरण में 351 करोड़ 55 लाख रुपये से कराए गए हैं। दूसरे चरण में यहां 778 करोड़ 86 लाख रुपये से 18 काम कराए जा रहे हैं।