त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव के शुरुआती नतीजों में कांग्रेस को भारी निराशा हाथ लगी है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद पहली बार हो रहे चुनाव में कांग्रेस को पूर्वोत्तर में बड़ा झटका लगा है। मेघालय में कांग्रेस से 5 सीटों पर सिमटती दिखाई दे रही है। पिछले चुनाव में इसे 21 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं नागालैंड और त्रिपुरा में भी कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। कांग्रेस से लिहाज से कहा जाए 2023 की शुरुआत पार्टी के लिए अच्छी नहीं रही है। इस साल कई राज्यों में चुनाव अभी बाकी हैं।
भारत जोड़ो यात्रा का नहीं दिखा असर
राहुल गांधी के नेतृत्व में पिछले साल 7 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई थी। 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरते हुए 3970 किलोमीटर की दूरी तय करके 30 जनवरी 2023 को श्रीनगर में संपन्न हुई। इस यात्रा से कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें थीं। कांग्रेस को उम्मीद थी कि जिस तरह की भीड़ इस यात्रा में देखने को मिली, चुनावी नतीजे भी कुछ उसी तरह के आएंगे। हालांकि तीनों राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।
चुनाव प्रचार में भी नहीं दिखे राहुल गांधी
चुनावी नतीजों पर राजनीतिक विश्लेषकों ने भी कांग्रेस और खास तौर पर राहुल गांधी की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं। तीनों राज्यों से प्रचार से राहुल गांधी लगभग गायब रहे। उन्होंने सिर्फ मेघालय में एक रैली की। जबकि त्रिपुरा और नागालैंड से चुनाव प्रचार से वह दूर रहे। दूसरी तरफ अगर बीजेपी की बात करें तो तीनों ही राज्यों में पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह ने ताबड़तोड़ रैलियां की। त्रिपुरा की राजनीति को देखते हुए बीजेपी ने अपने स्टार कैंपेनर और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी प्रचार में उतारा।
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कांग्रेस ने मान ली हार
रुझानों के बीच ही कांग्रेस के नेताओं ने भी हार स्वीकार कर ली है। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि जिस तरह के नतीजे सामने आ रहे हैं वह हमारी उम्मीदों से अलग है। इससे हमें काफी झटका लगा है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि चुनाव में बीजेपी के प्रचार को जीत मिली है। हालांकि नतीजों को पूरे देश पर लागू करना गलत होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में जनता इस बात का भी ध्यान रखती है कि केंद्र की सत्ता में कौन बैठा है।