1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति परिभाषित करने संबंधी राज्य सरकार के निर्णय पर यूपीए के सभी विधायक एकजुट दिखे. सीएम हेमंत सोरेन ने गुरुवार को सत्ता पक्ष के विधायकों की बैठक बुलायी थी. बताते चलें कि इस पर कांग्रेस के कुछ विधायकों ने अपनी कुछ शंका जतायी थी. सीएम ने इसे गंभीरता से लेते हुए सबकी बैठक बुलायी. उन्होंने आश्वस्त किया कि जनता की इच्छा के अनुरूप 1932 खतियान की लाइन खींची गयी है, लेकिन विधायक अपना सुझाव दे सकते हैं. विधानसभा सत्र के दौरान भी जब बिल लाया जायेगा, तो विस्तृत चर्चा के बाद ही इसे भेजा जायेगा.

बैठक में प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सह चाईबासा की सांसद गीता कोड़ा भी शामिल हुई थीं. हालांकि यह विधायक दल की बैठक थी. गीता कोड़ा और उनके पति पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने 1932 को स्थानीयता का आधार बनाने का विरोध किया है. बैठक के बाद गीता कोड़ा ने कहा कि सीएम ने उनकी बातें गंभीरता से सुनी हैं. इस मसले पर जल्द ही अगली बैठक होगी. वहीं, झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने भी अपनी बातों से सीएम को अवगत कराया. उन्होंने कहा कि बाहरी-भीतरी नहीं किया जाये.
सीएम हेमंत सोरेन ने आश्वासन दिया है कि सभी को साथ लेकर चलने में सरकार विश्वास करती है. बैठक में 1932 के खतियान को आधार बनाने को लेकर विधायकों ने सीएम हेमंत सोरेन के प्रति आभार जताया.
फैसले से विपक्ष बैकफुट पर आया :
मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि इस फैसले से विपक्ष बैकफुट पर आ गया है. राज्य सरकार ने जनता के हित में काम किया है. इससे विकास की प्रक्रिया तेज होगी. विधायक अंबा प्रसाद ने इसके लिए आभार प्रकट करते हुए विस्थापितों, भूमिहीनों और आदिम जनजाति का भी ख्याल रखने का आग्रह सीएम से किया.
बैठक में सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, आलमगीर आलम, जगरनाथ महतो, बन्ना गुप्ता, हफीजुल हसन, बादल, चंपई सोरेन, जोबा मांझी, सत्यानंद भोक्ता, विधायक सीता सोरेन, चमरा लिंडा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर मौजूद थे. तबीयत खराब रहने के कारण मंत्री रामेश्वर उरांव बैठक में शामिल नहीं हो पाये.
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