आतंकवादी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन (Yakoob Memon) को उसके जन्मदिन पर फांसी दिए जाने के सात साल बाद कल साउथ मुंबई के बड़ा कब्रिस्तान में उसकी कब्र सजावट को लेकर एक राजनीतिक विवाद छिड़ गया है. इसको देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने जांच के आदेश दिए हैं. गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और आगे की कार्रवाई होगी. जिसने भी गलत किया है उस पर कार्रवाई होगी. बताते चलें कि याकूब मेमन (Yakoob Memon) को 12 मार्च, 1993 के मुंबई विस्फोटों (1993 Mumbai blast) में उसकी भूमिका के लिए दोषी पाया गया था और 30 जुलाई, 2015 को नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी. साथ ही राष्ट्रपति से क्षमा/क्षमादान के लिए उसकी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले यह कब्र मूल मिट्टी की थी लेकिन हाल ही में इसमें बदलाव करते हुए इसे एक नया रूप दिया गया. जल्द ही एक यह ‘मजार’ (मकबरा) बन जाएगा. इससे पहले दिन में, मुंबई पुलिस ने बड़ा कब्रिस्तान में लाइट सिस्टम को बंद कर दिया, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच कथित तौर पर सुधार की अनुमति देने के लिए एक गंभीर राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई थी. भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने अपने कट्टर विरोधी और पूर्व सहयोगी को दोषी ठहराते हुए सवाल किया कि, जब मेमन (Yakoob Memon) की कब्र को धर्मस्थल में तब्दील किया जा रहा था तो पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) चुप क्यों रहे.
कदम ने आगे बताया, “ठाकरे तत्कालीन मुख्यमंत्री थे और उनकी अवधि के दौरान कब्र को एक मंदिर में बदल दिया गया था. यह उनकी देशभक्ति और मुंबई के लिए प्यार है? ठाकरे, शरद पवार और राहुल गांधी को मुंबई की जनता से माफी मांगनी चाहिए.” शिवसेना प्रवक्ता डॉ. मनीषा कायंडे ने पलटवार करते हुए बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जब मेमन को फांसी दी गई थी, तब केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी की सरकार थी. उस दौरान यहां देवेंद्र फडणवीस सीएम थे और गृहमंत्री भी थे.
अफजल गुरु को फरवरी 2013 में नई दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी, जबकि पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल में फांसी दी गई थी. लोंधे ने इशारा किया, “भाजपा जो उस समय सत्ता में थी उसने जानबूझकर मेमन का शव परिवार को विस्तृत अंतिम संस्कार के लिए दिया था. उनका इरादा सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना है., अल-कायदा के आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने पर भी, उसके शरीर को समुद्र में फेंक दिया गया था. भाजपा के कई अन्य नेता जैसे चंद्रशेखर बावानकुले, आशीष शेलार और कीर्ति सौम्या, वहीं, शिवसेना के आदित्य ठाकरे, अमबादास दानवे और किशोरी पेडनेकर गंभीर बदलाव को लेकर राजनीतिक घमासान में शामिल हो गए.