जैसे-जैसे महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट बढ़ता जा रहा है, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे अन्य विधायकों की पत्नियों से संपर्क कर उन्हें अपने पतियों से बात करने के लिए मना रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे कुछ बागी विधायकों को भी मैसेज कर रहे हैं जो इस समय गुवाहाटी के एक होटल में ठहरे हुए हैं।
शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना नेताओं के साथ एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता की, प्रस्तावों को पारित किया और चुनाव आयोग (ईसी) को किसी अन्य राजनीतिक संगठन या गुट को शिवसेना और इसके संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के नाम का उपयोग करने से रोकने की अपील की।
मौजूदा राजनीतिक संकट की शुरुआत एकनाथ शिंदे ने की थी, जो कई विधायकों के साथ एमएलसी चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना सुप्रीमो के संपर्क से दूर हो गए थे। वे फिलहाल गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं। तब से निर्दलीय समेत कई विधायक बागी खेमे में शामिल हो चुके हैं।
शिंदे गुट ने शिवसेना बालासाहेब बनाई
आपको बता दें कि शिवसेना के असंतुष्ट विधायक दीपक केसरकर ने शनिवार को कहा कि विधायक दल में बागी गुट के पास दो तिहाई बहुमत है। उन्होंने महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना है। हमने अपने समूह का नाम शिवसेना (बालासाहेब) रखने का फैसला किया है क्योंकि हम उनकी विचारधारा में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि हमने शिवसेना नहीं छोड़ी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना की कार्यकारिणी की बैठक कर रहे थे।
संजय राउत का शिवसेना के बागी विधायकों को चैलेंज- कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में
…तो गिर जाएगी ठाकरे की सरकार
महाराष्ट्र विधानसभा की कुल ताकत 287 है और विश्वास मत की स्थिति में बहुमत 144 है। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 169 सीटें हैं। यदि शिंदे के नेतृत्व वाले विधायक इस्तीफा देते हैं, तो महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की ताकत बहुमत के निशान से नीचे आ जाएगी, जिससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर जाएगी।