राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल और आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। द्रौपदी मुर्मू को एनडीए द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने से विपक्षी दलों अब पशोपेश की स्थिति में आ गए है। तो वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीम मायावती ने द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने का ऐलान शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया। मायावती ने कहा, ‘हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है।’
मायावती ने बताई समर्थन की वजह
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार 25 जून को प्रेस कॉन्फ्रेस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मायावती ने कहा, ‘हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। हमने यह अति महत्वपूर्ण फैसला बीजेपी और एनडीए के पक्ष या फिर विपक्षी पार्टी के विरोध में नहीं लिया है। बल्कि अपनी पार्टी के मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए एक आदिवासी समाज की योग्य और कर्मठ महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के लिए यह फैसला लिया है।
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मायावती ने विपक्ष पर बोला तीखा हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व सीएम मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक में बीएसपी को न बुलाए जाने पर तीखा हमला बोला। मायावती ने कहा कि राष्ट्रपति प्रत्याशी चुनने के लिए हुई बैठक में बीएसपी के लीडर को नहीं बुलाया गया। ये उनकी जातिवादी सोच को दिखाता है। राष्ट्रपति प्रत्याशी चुनने के दौरान विपक्ष का षडयंत्र दिखा है। हम एनडीए को नहीं, एक आदिवासी के समर्थन में मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि, ‘बसपा पिछलग्गू पार्टी नहीं है। बसपा को अलग-थलग रखने की वजह बाकी दलों का जातिवादी रवैया है।’