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उत्तराखंड में एंट्री अब महंगी: 1 जनवरी से बाहर की गाड़ियों पर लगेगा ग्रीन सेस, कार से लेकर ट्रक तक देना होगा शुल्क

नई दिल्ली। उत्तराखंड सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और राज्य की आमदनी बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। 1 जनवरी 2025 से राज्य में बाहर से आने वाले सभी वाहनों पर ग्रीन सेस लगाया जाएगा। यह शुल्क वाहन की श्रेणी के अनुसार 80 रुपये से 700 रुपये तक होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में हुई राजस्व समीक्षा बैठक में बताया कि यह योजना बीते दो वर्षों से लागू नहीं हो पाई, जिससे राज्य को करीब 100 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्रीन सेस व्यवस्था को बिना देरी लागू किया जाए।

वाहन के हिसाब से तय होगी फीस

सरकार ने ग्रीन सेस की दरें वाहन की क्षमता और प्रकार के अनुसार तय की हैं—

  • भारी वाहन (एक्सल कैटेगरी): 450 से 700 रुपये
  • भारी निर्माण उपकरण: 250 रुपये
  • 7.5 से 18.5 टन वाहन: 250 रुपये
  • 3 से 7.5 टन हल्के माल वाहन: 120 रुपये
  • 3 टन तक की डिलीवरी वैन: 80 रुपये
  • 12 सीट से अधिक की बसें: 140 रुपये
  • मोटर कैब, मैक्सी कैब और निजी कार: 80 रुपये

एक बार दिया गया ग्रीन सेस पूरे दिन के लिए मान्य होगा। इसके अलावा, यदि कोई वाहन मालिक 20 गुना शुल्क एक साथ जमा करता है, तो उसे तीन महीने की छूट, जबकि 60 गुना शुल्क देने पर एक साल की छूट मिलेगी।

फास्टैग से होगा भुगतान

ग्रीन सेस की वसूली को आसान बनाने के लिए सरकार ने फास्टैग सिस्टम अपनाने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश से सटी सीमाओं पर 10 बॉर्डर चेक पोस्ट तैयार किए जा चुके हैं, जबकि 6 अन्य पर काम जारी है। प्रमुख बॉर्डर पॉइंट्स पर लगे NPR कैमरे सीधे फास्टैग से ग्रीन सेस काटेंगे।
सरकार को उम्मीद है कि इस व्यवस्था से हर साल करीब 50 करोड़ रुपये की आय होगी, जिसे पर्यावरण संरक्षण और विकास कार्यों में लगाया जाएगा।

इन वाहनों को मिलेगी छूट

ग्रीन सेस से कुछ वाहनों को पूरी तरह राहत दी गई है—

  • दूसरे राज्यों के दोपहिया वाहन
  • केंद्र और राज्य सरकार के वाहन
  • ट्रैक्टर, ट्रॉली, रोड रोलर, कम्बाइन हार्वेस्टर
  • एंबुलेंस, शव वाहन, फायर ब्रिगेड और सेना के वाहन
  • बिजली, सोलर, हाइब्रिड और CNG वाहन

आर्थिक मजबूती पर सरकार का फोकस

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए पूंजीगत निवेश में 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इससे सड़कों, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति मिलेगी। उन्होंने कर चोरी रोकने, राजस्व निगरानी बढ़ाने और रजिस्ट्रेशन प्रक्रियाओं को पूरी तरह डिजिटल करने के निर्देश भी दिए।

सरकार का लक्ष्य है कि राज्य अपने संसाधनों के बेहतर उपयोग से विकास को नई रफ्तार दे। खनन सुधारों से पहले ही 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है, जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 24,015 करोड़ रुपये का कर लक्ष्य तय किया गया है।