पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की सज़ा बढाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कल सुनवाई करेगा. मारपीट के 34 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को सिर्फ ₹1000 जुर्माने की सजा दी थी. अब ये सजा बढ़ सकती है. सितंबर 2018 में कोर्ट ने सज़ा पर दोबारा विचार की मांग स्वीकार की थी. पंजाब (Punjab) के पटियाला (Patiala) में 1988 में हुई इस घटना में गुरनाम सिंह (Gurnam Singh) नाम के शख्स की मौत हो गई थी.

सिद्धू और उनके दोस्त कंवर सिंह संधू को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या का दोषी मानते हुए 3-3 साल की सजा दी थी. लेकिन जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने संधू को पूरी तरह बरी कर दिया. जबकि, सिद्धू को सिर्फ मारपीट का दोषी माना और सिर्फ 1 हज़ार रुपए जुर्माने की सज़ा दी.
कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ गुरनाम सिंह के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. परिवार ने फैसले पर पुनर्विचार की मांग की. 13 सितंबर 2018 को जब यह याचिका के लिए लगी, तब तक मुख्य मामले में फैसला सुनाने वाले 2 जजों में से वरिष्ठ जज जस्टिस चेलमेश्वर रिटायर हो चुके थे.
ऐसे में पुनर्विचार अर्जी पर जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस संजय किशन कौल ने विचार किया. दोनों जजों ने दोबारा सुनवाई पर सहमति जताई. इन्हीं दोनों जजों की बेंच कल दोपहर साढ़े 3 बजे मामले को सुनेगी. कोर्ट यह साफ कर चुका है कि इस मामले में सिर्फ सजा बढ़ाने की मांग पर विचार होगा.
हिजाब पर जोर देने वाली लड़कियों को स्कूल से बाहर करे सरकार: प्रमोद मुतालिक
इसका मतलब यह है कि सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या के आरोप में दोबारा सुनवाई नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उन्हें सिर्फ मारपीट के मामलों में लगने वाली IPC की धारा 323 के तहत दोषी माना था. इसी धारा में सजा बढ़ाने की मांग पर विचार होगा. इस धारा में अधिकतम 1 साल तक की कैद का प्रावधान है. सिद्धू को सिर्फ जुर्माने पर छोड़ दिया गया था. अब एक बार फिर उनके ऊपर जेल जाने का खतरा नजर आ रहा है.
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine