कांग्रेस (Congress) ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के ‘बूस्टर डोज’ वाले फैसले पर निशाना साधा और उनकी तुलना तुगलक से कर डाली. पार्टी ने केंद्र सरकार पर ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को नजरंदाज कर लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) ने रविवार को कहा कि बातें बनाने और टेलीविजन पर आने से आपराधिक लापरवाही के जख्म नहीं भरेंगे.
सुरजेवाला ने प्रेस ब्रिफिंग के दौरान कहा, ‘कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आहट से ठीक पहले देशवासियों की जान एक बार फिर से जोखिम में डाली जा रही है. मोदी सरकार जिम्मेदारियों को बार-बार पीठ दिखा रही है. कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर बार-बार नीतियां बदलने और संक्रमण के रोकथाम के बजाय खुद का महिमामंडन, रैलियों और चुनावी गोटियों को प्राथमिकता देने जैसी आपराधिक लापरवाहियों से देशवासियों की जान के साथ खिलवाड़ किया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘देश के उन डॉक्टरों, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, फ्रंटलाइन वर्कर्स और अस्पतालों को साधुवाद जिन्होंने जान हथेली पर रखकर देशवासियों को कोरोना वैक्सीन लगाई. देश कोरोना वॉरियर्स का सदा आभारी रहेगा.’ सुरजेवाला ने कहा, ‘मोदी सरकार से जवाब मांगने का समय आ गया है.’ सुरजेवाला ने मोदी सरकार से 6 सवाल किए, जिनमें-
1. 47.95 करोड़ व्यस्क लोगों को 59.40 करोड़ कोरोना वैक्सीन कब लगेगी?
2. नई घोषणा के बाद 25.69 करोड़ लोगों को 35.70 करोड़ अतिरिक्त वैक्सीन कब तक लगेगी?
3. वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों की मासिक क्षमता मात्र 16.80 करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह है, तो फिर 95.10 करोड़ वैक्सीन देशवासियों को कब तक उपलब्ध हो जाएंगी?
4. 15 साल से कम के उम्र के बच्चों और युवाओं को वैक्सीन लगाने के बारे में मोदी सरकार की कोई नीति क्यों नहीं है?
5. सरकार की आपराधिक लापरवाही से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरने वाले लोगों की संख्या सार्वजनिक क्यों नहीं की गई और परिजनों को को मुआवजा क्यों नहीं दिया गया?
6. ओमिक्रॉन वायरस से कोरोना की तीसरी लहर को लेकर मंडराते खतरे के बारे में सरकार का रवैया उदासीन है और मोदी सरकार अपराधिक लापरवाही की शिकार है.
11.45 करोड़ लोगों को वैक्सीन की एक डोज भी नहीं लगी
उन्होंने कहा, ‘36.50 करोड़ लोगों को अभी भी कोरोना की दूसरी वैक्सीन नहीं लग पाई है. यह देश की 18 साल से अधिक जनसंख्या का 35 प्रतिशत हिस्सा है. इतना ही नहीं, सरकार ने जो तथ्य जारी किए हैं, उनके मुताबिक 18 साल से ज्यादा उम्र के 11.45 करोड़ लोगों को वैक्सीन का एक डोज भी नहीं लग पाई है. इसके अलावा, 22,71,510 हैल्थकेयर और फ्रंटलाईन वर्कर्स को भी वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगाई गई है. यानी अभी भी 59.40 करोड़ वैक्सीन लगनी बाकी हैं.’
सुरजेवाला ने आगे कहा, ‘59.40 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं हैं. मोदी सरकार के मुताबिक 25 दिसंबर को 17.74 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध थीं. अब सवाल ये उठता है कि बाकी 41.46 करोड़ वैक्सीन (59.40 करोड़- 17.74 करोड़= 41.46 करोड़) कब तक उपलब्ध होंगे और किस तारीख तक लगाए जा सकेंगे? दुनिया में दूसरे देशों की औसत भी देखें तो भारत के लोगों को दोनों कोरोना वैक्सीन लगाने में भारत अभी भी 19वें पायदान पर है. लेकिन मोदी जी ने इन सवालों में से किसी का जवाब, भविष्य की नीति के बारे में अभी तक कुछ भी नहीं बताया.’
पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा ओमिक्रॉन
उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में 3 वर्ष से 18 वर्ष के बीच के बच्चों और युवाओं को वैक्सीन लगाई जा रही है. मिडिल ईस्ट के मुल्कों और चीन में वैक्सीन लगाने की उम्र 3 साल और उससे ज्यादा है. अमेरिका में यह उम्र 5 साल और उससे ज्यादा है. अफ्रीका और यूरोप सहित बाकी दुनिया में 12 साल व उससे अधिक आयु के सभी युवाओं को वैक्सीन लगाई जा रही है. हमारे देश में भी स्कूल जाने वाले करोड़ों युवाओं और उनके अभिभावकों तथा परिवार के बुजुर्गों को ओमिक्रॉन व डेल्टा वायरस से संक्रमण का गंभीर खतरा है. फिर भी मोदी सरकार ने 5 वर्ष से 12 वर्ष तथा 12 वर्ष से 15 वर्ष की आयु के बच्चों और युवाओं को वैक्सीन न लगाने का निर्णय क्यों किया? क्या यह अपने आप में देश के युवाओं की सेहत और भविष्य के लिए खतरे की घंटी नहीं है?
उन्होंने कहा, ‘ओमिक्रॉन पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. इस वेरिएंट की डबलिंग रेट भी 1.5 से 3 दिन है. कल ‘‘नेचर जर्नल’’ में छपी रिसर्च में बताया गया कि एंटीबॉडी थेरेपी की मदद से ओमिक्रॉन वायरस से बचा जा सकता है. ओमिक्रॉन वायरस अपनी शक्ल यानी प्रोटीन स्पाईक बार-बार बदलता है. यहां तक कि दोनों वैक्सीन डोज लेने वाले व्यक्तियों को भी ओमिक्रॉन वायरस का संक्रमण हो रहा है. मोदी सरकार के पास ओमिक्रॉन के संक्रमण को रोकने के बारे में या कोरोना वैक्सीन की ओमिक्रॉन वायरस को रोकने की प्रतिरोधक क्षमता के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं. यह उन्होंने 17 दिसंबर 2021 को संसद में बताया था.’
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ओमिक्रॉन से निपटने के लिए सरकार की कोई तैयारी नहीं
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘मोदी सरकार ने ओमिक्रॉन वायरस के खतरे से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की है. शादियों में भीड़ की संख्या को तो 200 तक सीमित कर दिया, लेकिन कोरोना की पहली लहर में ‘नमस्ते ट्रंप’ और दूसरी लहर में ‘बंगाल चुनाव’ रैलियों की तर्ज पर प्रधानमंत्री और भाजपाई नेता हजारों-लाखों की भीड़ जमा कर रैलियां करने में लगे थे. ओमिक्रॉन वायरस को लेकर सरकार के पास न नीति है, न नीयत, न दृष्टि है, न रास्ता. यह लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं तो और क्या है.’