टाटा समूह ने लगाई सबसे बड़ी बोली, और बन गया एयर इंडिया का नया सरदार

अब सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया का ताज टाटा समूह के सिर पर सज गया है। दरअसल, एयर इंडिया की नीलामी में टाटा समूह ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर इस एयरलाइन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। बताया जा रहा है कि इसी वर्ष दिसंबर तक एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। मतलब दिसंबर तक यह कंपनी टाटा समूह के हाथों में रहेगी। हालांकि अभी इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

टाटा समूह के अलावा स्पाइसजेट ने भी लगाई थी बोली

मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत एयर इंडिया के लिए फाइनेंसियल बिड्स मंगवाई थी। इसके तहत सरकार एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी, वहीं ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी AISATS की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी।  

एयर इंडिया की हुई नीलामी में टाटा समूह के अलावा स्पाइसजेट के मालिक अजय सिंह ने भी बोली लगाई थी। हालांकि टाटा समूह ने सबसे ज्यादा बोली लगाते हुए एयर इंडिया पर नियंत्रण कायम किया। यह पहला मौका नहीं है जब सरकार ने एयर इंडिया में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की है। इसके पहले वर्ष 2018 में भी सरकार ने कंपनी में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी हालांकी तब इसका कोई नतीजा सामने नहीं आ सका था।

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आपको बता दें कि वर्ष 1932 में शुरू हुए एयर इंडिया की शुरुआत भी टाटा समूह के जेआरडी टाटा ने ही की थी। बताया जाता है कि वे खुद भी एक कुशल पायलट थे। हालांकि आजादी के बाद भारत सरकार से एयर इंडिया के 49 प्रतिशत हिस्से को खरीद लिया और इसके बाद 1953 के बाद एयर इंडिया के 100 प्रतिशत शेयर को खरीद लिया। इस तरह टाटा समूह द्वारा शुरू की गई एयर इंडिया एक सरकारी एयरलाइन बन गई।